नयी दिल्ली। साहित्य अकादेमी ने सोमवार को साहित्य मंच कार्यक्रम के अंतर्गत तीन वरिष्ठ कथाकारों के कहानी पाठ का आयोजन किया। कथाकार थे सतीश जायसवाल, हीरालाल नागर एवं भावना शेखर।
सर्वप्रथम भावना शेखर ने अपनी कहानी ‘इज्जतदार आदमी’ का वाचन किया। कहानी दो पुरुषों के दंभ और अपनी पत्नियों को वस्तु समझने के दृष्टिकोण पर आधारित थी, जिसमें अंत में महिलाओं ने उन पुरुषों के दंभ को बड़ी हिम्मत के साथ तोड़ा।
हीरालाल नागर की कहानी का शीर्षक था ‘उस दिन की बात’। अकार पत्रिका में छपी यह पुरानी कहानी भी स्त्री के भावनात्मक शोषण पर आधारित थी और असम की पृष्ठभूमि पर बुनी हुई थी। कहानी स्त्री की दोनों सीमाओं को प्रतिरूपित करते हुए उसकी त्रासदी को पुरुषों के अलग-अलग नजरियों को प्रस्तुत करती हुई थी।
सतीश जायसवाल ने अपनी कहानी ‘अब यह शहर’ शीर्षक से प्रस्तुत की जो भिलाई स्थित एक एंग्लोइंडियन कॉलोनी में आए हुए बदलावों पर केंद्रित थी। भविष्यवक्ता के प्रतीकात्मक सूत्रधार के कथन पर आधारित इस कहानी में एक बढ़ते और बदलते शहर में प्रेम की त्रासदी को दर्शाया गया था। कहानी आधी शताब्दी पुरानी थी लेकिन अपने कथन और बिंबों की प्रयुक्ति में बिल्कुल आज की ही लगी।
कार्यक्रम में कई वरिष्ठ कथाकार और युवा छात्र भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अकादेमी के उपसचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने किया।
