स्पैनिश और भारतीय भाषाओं को और पास लाएगा यह पुरस्कार- मॉन्सेरान मोमान पॅविल्लयो


इंस्तीत्यूतो सर्वांतीस के निदेशक ऑस्कर पुजॉल ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह पुरस्कार भारत की बहुभाषिक विविधता को सम्मान प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि भारतीय भाषाओं और स्पैनिश भाषा को और पास लाने के लिए कई अन्य परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है ।



नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी में आज दिनांक 13 अप्रैल 2022 को एम्बेसी ऑफ स्पेन इन इंडिया की ओर से साहित्य अकादेमी और इंस्तीत्यूतो सर्वांतीस के सहयोग से एक नए अनुवाद पुरस्कार के शुरू होने की घोषणा की गई।

साहित्य अकादेमी में सायं 6 बजे आयोजित हुए एक भव्य कार्यक्रम में, भारत में स्पेन की चार्ज डी अफेयर्स सुश्री मॉन्सेरान पॅविल्लीयो ने अपने आरंभिक वक्तव्य में सूचित किया कि इस पुरस्कार का नाम है-’द टैगोर-जे़नोविया-हुआन रेमॉन ख़ीमेनेज़ ट्रांसलेशनअवार्ड’, जो युवा अनुवादकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू किया जा रहा है। यह पुरस्कार स्पैनिश रचनाओं के 24 भारतीय भाषाओं में अनुवाद कार्य को प्रदान किया जाएगा। अनुवाद के लिए प्रत्येक 2 वर्ष पर एक भारतीय भाषा को लक्ष्य किया जाएगा और स्पैनिश या स्पेन की एक उपभाषा से अनुवाद किया जाएगा। इस पुरस्कार का चयन एक स्थायी समिति द्वारा प्रत्येक 2 वर्ष पर किया जाएगा।उन्होंने बताया कि यह साल, 2022 इस पुरस्कार हेतु प्रविष्टि आमंत्रण का पहला वर्ष है और इस वर्ष हिंदी को अनुवाद हेतु लक्ष्य भाषा के रूप में चुना गया है। यह मुख्य पुरस्कार रु. 1 लाख की राशि का है तथा इसके अतिरिक्त अन्य चार श्रेष्ठ अनुवाद की पांडुलिपियों को भी रु. 50 हज़ार (प्रत्येक को) प्रदान किए जाएँगे।उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार केवल भारतीय नागरिकों के लिए निर्धारित किया गया है।

इससे पहले, साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने अकादेमी की ओर से अतिथियों के पारंरिक स्वागत के बाद अपने वक्तव्य में कहा कि साहित्य अकादेमी ने पहले भी स्पैनिश साहित्य के अनुवाद भारतीय भाषा में प्रकशित किए हैं और इस पुरस्कार के शुरू होने से भारतीय भाषा में स्पैनिश साहित्य को बढ़ावा मिल सकेगा, जिससे छात्रों और अध्यापकों को अच्छा प्रोत्साहन प्राप्त होगा।

इंस्तीत्यूतो सर्वांतीस के निदेशक ऑस्कर पुजॉल ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह पुरस्कार भारत की बहुभाषिक विविधता को सम्मान प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि भारतीय भाषाओं और स्पैनिश भाषा को और पास लाने के लिए कई अन्य परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि स्पैनिश से भारतीय भाषाओं में शब्दकोश निर्माण की आवश्यकता को भी महसूस किया जा रहा है, जिस पर भविष्य में जल्द ही कार्य किया जा सकता है।

इस कार्य के उत्तरभाग के रूप में एक संगीत सभा का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्रख्यात संगीतकारों शुभेंदुराव ने सितार तथा सस्किया राव ने सेलो वादन प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में चिली गणराज्य के राजदूत महामहिम हुआन एन्जुलो(सपत्नीक) और  उरूग्वे के राजदूत महामहिम अल्बर्टो ए. गुबानी पधारे। साथ ही, स्पैनिश और भारतीय भाषाओं के अनेक विद्वानों और बड़ी संख्या में छात्रों ने इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर गरिमा प्रदान की।



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