
शेखर मेहता का जन्म 1959 में कोलकाता में हुआ था। उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। मास्टर्स इन कॉमर्स के अनूठे संयोजन … एक योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट, कॉस्ट अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी के रूप में उनका नाम दर्ज रहेगा।
वसुधैव कुटुम्बकम की ऐतिहासिक मिसाल है रोटरी
नमस्ते! रोटरी के दुनिया भर के मूवर्स और शेकर्स को मेरा नमस्कार। आप डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट हैं मूवर्स और मैं हूं शेखर। रोटरी के इतिहास में सबसे बड़ा परिवर्तन लाने का अवसर हम एकसाथ मिलकर अगले 17 महीनों में इसे बदलेंगे हमारा सपना है हमारी सदस्यता को आगामी 1 जुलाई 2022 तक 13 लाख तक पहुंचाना। मैं हमेशा रोटरी के आदर्श वाक्य से अत्यधिक प्रेरित रहा हूं … स्वयं से ऊपर सेवा।
शेखर मेहता 1985 में रोटरी इंटरनेशनल से जुड़े। वर्ष 2021-22 के लिए रोटरी इंटरनेशनल के अध्यक्ष के रूप में नामित हुए। वे पिछले 115 वर्षों में चौथे भारतीय हैं। वह कई पूर्ववर्ती, सांस्कृतिक और धर्मार्थ संगठन के सदस्य भी हैं। वह भारत के विभिन्न हिस्सों में अचल संपत्ति के विकास में लगे कई रियल एस्टेट समूह के प्रमुख हैं, जिनमें राजस्थान के बड़े समूह के आवास भी शामिल हैं।
आज आप अपनी सेवा और नेतृत्व की यात्रा में एक बहुत महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। आगामी 17 महीने आपके जीवन के सबसे अद्भुत फलदाई महीने होंगे। आप इस अवधि को अपने जीवन की सबसे संतोषजनक अवधि में बदल सकते हैं। इस अवधि के दौरान मैं, आपसे आग्रह करता हूं कि आप रोटरी के लिए हमारी साझा दृष्टि से निर्देशित हो और बड़े सपने देखें। आप योजना बनाएंगे और लक्ष्य तय करेंगे और रोटोरियंस को इन लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करेंगे।
दोस्तो, सदस्यता हमारी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। पिछले 17 वर्षों से हमारी सदस्यता 12 लाख है। हम एकसाथ मिलकर अगले 17 महीनों में इसे बदलेंगे। मेरे प्रिय परिवर्तनकर्ताओं, यहां आपके लिए रोटरी के इतिहास में सबसे बड़ा परिवर्तन लाने का अवसर है, जहां तक सदस्यता की बात है, तो हमने जो पिछले 17 वर्षों में नहीं पाया है, मैं आपको 17 महीनों में पाने की चुनौती देता हूं।
आप कह सकते हैं कि यह बहुत बड़ा सपना है। यदि मैं आपसे बड़े सपने देखने के लिए कहता हूं, तो मुझे आगे बढ़कर नेतृत्व करना होगा। मेरी प्रेरणा का एक स्रोत जॉर्ज बर्नार्ड शॉ के कथन से आता है। उन्होंने कहा था, तुम चीजों को देखते हो और कहते हो, क्यों? लेकिन मैं उन चीजों के सपने देखता हूँ जो कभी नहीं थी और मैं कहता हूँ, क्यों नहीं? इसलिए, दोस्तो, हमारा सपना है हमारी सदस्यता को आगामी 1 जुलाई 2022 तक 13 लाख तक पहुंचाना। सवाल, कि हम इस अविश्वसनीय लक्ष्य तक कैसे पहुँच सकते हैं? उत्तर है, प्रत्येक व्यक्ति सदस्य लेकर आएगा।
हर रोटेरियन को कहें कि वह एक सदस्य को रोटरी में अगले 17 माह में, ले आए। केवल 1 सदस्य 17 महीनों में अपने जिले के प्रत्येक रोटेरियन से लाने के लिए कहें। अपने स्वयं के उदाहरण के द्वारा आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं और आपके क्लब के अध्यक्ष भी अपने उदाहरण के द्वारा ही नेतृत्व कर सकते हैं। जब प्रत्येक क्लब के रोटेरियन ऐसा करते हैं, तो वह भी परिवर्तनकर्ता बन जाएंगे और वे अपने द्वारा हर उस व्यक्ति का जीवन, जिसे कि वे रोटेरियन बनाएंगे, भले के लिए परिवर्तित कर देंगे।
चुने हुए का गवर्नर्स, हमें अधिक बढ़ने के लिए अधिक करने की जरूरत है। मैं हमेशा रोटरी के आदर्श वाक्य से अत्यधिक प्रेरित रहा हूं …स्वयं से ऊपर सेवा। इसने मुझे दूसरों का ध्यान रखना और उनके साथ साझेदारी रखना सिखाया है। सेवा मेरे लिए खुद से भी पहले दूसरों के बारे में सोचना है। औरों के लिए सोचने के बारे में मैं, अपने रोटरी पलों में से एक आपके साथ साझा करना चाहूँगा।
मैं अभी रोटरी क्लब में शामिल ही हुआ था। क्लब में एक अंग शिविर का आयोजन किया था। यहां हम कैलिपर, कृत्रिम अंग और हाथ द्वारा चलाई जाने वाली साइकिल वितरित कर रहे थे। सभी सदस्यों को कुछ उत्तरदायित्व दिए गए थे और मुझे भी। मुझे यह जानना था कि वे लाभार्थी, जिन्हें हाथ वाली साइकिल दी गई थी, क्या उनके हाथों में उस ट्राई साइकिल को खींचने के लिए पर्याप्त शक्ति थी और मुझे यह करना था उस लाभार्थी से अपने हाथ को खींचने को कहकर, जिससे कि मैं उनकी हाथों की शक्ति का अनुमान लगा सकूं।
जब मैं लाभार्थी का इंतजार करते हुए निर्धारित स्थान पर खड़ा था, तो मैंने उसे रेंगते हुए अपनी ओर आते देखा। उसके पैर नहीं थे, तो उसे मेरी ओर रेंग कर आना था। मैंने उसके हाथों को पकड़ने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया और मैं ईमानदारी से कहता हूँ, कि इस क्षण में मैं, उसके बारे में नहीं, बल्कि अपने बारे में सोच रहा था। मैं अपनी स्वयं की स्वच्छता और स्वास्थ्य के बारे में सोच रहा था।
मैं उसका हाथ नहीं पकड़ना चाहता था, किंतु मैंने यह किया और दूसरे, तीसरे हाथ पकड़ने तक मैं स्वयं के बारे में ही सोचता रहा, लेकिन अचानक छठे, सातवें हाथों को पकड़ने के बाद उन लोगों की दुर्दशा के प्रति मेरी सहानुभूति बढ़ने लगी और जल्द ही मैं उनके दर्द और उनकी चुनौतियों को महसूस कर रहा था और मैं स्वयं से ज्यादा उनके बारे में सोच रहा था। और दोस्तो, उस समय, मैं रोटरी क्लब के एक सदस्य की जगह एक रोटेरियन बन गया था।
जल्द ही मैंने क्लब की अन्य परियोजनाओं में उपस्थित होना शुरू कर दिया। एक रोटेरियन के रूप में, 35 वर्ष पूर्व जब मैं पहली बार भारत के ग्रामीण इलाकों में गया, मैं वास्तव में अपने भाइयों की दुर्दशा को समझ सका। वहाँ, उनके घरों में शौचालय नहीं था। वे जो पानी पीते थे, वह उसी तालाब से होता था, जहाँ वे स्नान करते थे। उनके वहाँ विद्यालय पेड़ों के नीचे लगते थे और काले रंग से पोती हुई दीवार ही उनके विद्यालय का एकमात्र श्यामपट्ट थी।
बुनियादी सुविधाओं सहित निकटतम स्वास्थ्य केंद्र कुछ मील की दूरी पर था। और फिर, रोटरी क्लब के माध्यम से हमने शौचालय बनवाने, स्वच्छ पेयजल प्रदान करवाने, शिक्षा प्रणाली के विस्तार, विश्व स्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थापना में सहायता की, ना सिर्फ मेरे समुदाय या मेरे शहर में, बल्कि मेरे देश में भी। रोटरी ने मेरे भीतर की चिंगारी को खुद से परे देखने और मानवता को गले लगाने के लिए पोषित किया। सेवा मेरे जीवन का एक तरीका बन गई और मेरे जीवन का मार्गदर्शक सिद्धांत बन गया।
सेवा वह किराया है, जो मैं देता हूँ, उस स्थान के लिए, जो इस धरती पर मैंने घेर रखा है। मैं इस पृथ्वी का एक अच्छा किराएदार बनना चाहता हूँ। मुझे यकीन है कि आप में से प्रत्येक को भी सेवा का अवसर मिला है। आप भी नेत्रहीनों को दृष्टि, भूखों को भोजन और बेघरों को घर प्रदान कर सकते हैं। यहाँ बड़ी परियोजनाओं के लिए सेवा के छोटे अवसर हो सकते हैं।
आपकी सेवा को, सेवा के आकार से अधिक, आपका रवैया परिभाषित करता है। गांधी जी एक बार ट्रेन पकड़ रहे थे। जब वह चढ़ रहे थे, तो ट्रेन चलने लगी और उनकी एक चप्पल गिर गई। गांधीजी की त्वरित प्रतिक्रिया यह थी कि उन्होंने अपना दूसरा चप्पल भी वहीं फेंक दिया, जहाँ पहला गिरा था।
उनके दोस्त ने, जो उनके साथ यात्रा कर रहे थे, पूछा आपने ऐसा क्यों किया? गांधी जी ने कहा, कोई उस चप्पल को ढूंढ लेगा। लेकिन सिर्फ एक चप्पल से उसका क्या भला होगा? इसलिए मैंने दूसरा भी फेंक दिया। दोस्तो, यह सेवा का एक छोटा सा कार्य था। लेकिन मैं सोचता हूँ कि यह सेवा का एक बड़ा दृष्टिकोण था। क्या हम सभी स्वयं से पहले दूसरों के बारे में सोचने को तैयार हैं? रोटेरियन के तौर पर हम ऐसा कर सकते हैं।
आखिर क्यों रोटेरियन्स ने, पिछले 35 से अधिक सालों से पोलियो उन्मूलन और मानव जाति की सेवा करने के लिए अरबों डॉलर और स्वयंसेवक घंटे दिए हैं? आखिर क्यों हमने हजारों विद्यालय बनवाए, सैकड़ों अस्पताल बनवाए, दूरदराज के गांवों तक पानी की व्यवस्था की, लोगों के घरों में शौचालय की व्यवस्था करके उन्हें गरिमामय जीवन दिया और हजारों बच्चों के हृदय की सर्जरी करवा के उन्हें जीवन का उपहार दिया?
रोटेरियन सेवा करते रहते हैं, क्योंकि हम जीवन को परिवर्तित करना चाहते हैं। नेपाल में एक परियोजना कई हजार लोगों की जिंदगी बदल देती है। अफ्रीका में पारिवारिक स्वास्थ्य कार्यक्रम ने लाखों लोगों की सेवा की है। हैती की एक जल परियोजना ने एक करोड़ से अधिक लोगों के जीवन बदल दिए हैं। भारत की ओर लौटे, तो साक्षरता और शिक्षा के कार्यक्रम टी ई ए सी एच ने लाखों बच्चों के जीवन पर प्रभाव डाला है।
आप में से कई लोग इसी तरह की सेवा परियोजनाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं और आपने लोगों का जीवन बदल दिया है। वहाँ सेवा करने की आवश्यकता थी और आपने सेवा की। आज सेवा करने की आवश्यकता और भी अधिक और स्पष्ट हो गई है। इसलिए, मेरे प्रिय परिवर्तनकर्ता गवर्नर, मैं आपसे अनुरोध और आग्रह करता हूँ और आपको मनाता हूँ कि आगामी रोटरी वर्ष में आप लोगों की सेवा करें और उनके जीवन को परिवर्तित करने में सहायता करें। इसलिए, मेरे प्रिय गवर्नर, वर्ष 2021-22 के लिए हमारा विषय है जीवन परिवर्तित करने के लिए सेवा करें।
लक्ष्य – हमारी संस्था की पहुंच को विस्तार देने का, उसकी सदस्यता बढ़ाकर।
लक्ष्य – रोटरी के प्रभाव को बढ़ाने का, संसार की सेवा के द्वारा और इस यात्रा में, और जब आप अपने जिले के रोटेरियन और रोटारेक्टर के साथ अपने लक्ष्यों को साझा करते समय शानदार भूमिका निभाएंगे और उन्हें प्रेरित करेंगे और अधिक करने, और अधिक आगे बढ़ने के लिए। दोस्तों यह हमारा मार्गदर्शक मंत्र होगा – अधिक करो – जैसे कि बड़े और प्रभावशाली सेवा परियोजनाओं में, अधिक बढ़ो – अपनी सदस्यता को बढ़ाने और अपनी भागीदारी को विस्तृत करने में।
रोटरी इंडिया विजन 2025
रोटरी इंडिया का उद्देश्य 2025 तक पूरे देश को साक्षर बनाना है। इसके लिए रोटरी इंडिया ने कक्षा एक से 10 तक के छात्रों के लिए ऑडियो विजुअल कनटेंट भी तैयार किया है। इसके अलावा, एक हजार गांवों के हर घर में जल और नल, डेढ़ लाख स्कूलों में पानी और स्वच्छता की व्यवस्था भी इनकी योजनाओं में शामिल हैं। साथ ही और 50 हजार वर्षा जल संचयन की योजनाएं भी तैयार की गई हैं।