भारत की आत्मा है, हमारा संविधान

भारत के मूल संविधान को हिंदी और अंग्रेजी भाषा में प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था। इसके हर पेज को बेहद कठिन और इटैलिक धाराप्रवाह में लिखा गया था।

देश की राजधानी दिल्ली स्थित लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन की लायब्रेरी में देश के संविधान की मूल प्रतियां (हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा में) मौजूद हैं। आज ही के दिन देशवासियों को दुनिया में सबसे बेहतर और बड़े संविधान की सौग़ात मिली थी।

संविधान हमारे राष्ट्र का अंतिम कानून है। यह राजनीतिक प्रक्रियाओं, सिद्धांतों और सरकार की शक्तियों के लिए रूपरेखा और दिशानिर्देश प्रदान करता है। इसमें 395 आर्टिकल और 12 अनुसूचियां हैं और इस प्रकार यह दुनियाभर में सबसे लंबा संविधान बनाता है। 15 अगस्त 1947 को भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बना, हालांकि 26 जनवरी, 1950 तक इसका अपना संविधान नहीं था।

बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के नैतृत्व में संविधान सभा का गठन किया गया था। जिसने 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान बनाया था, जो 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया। भारत के मूल संविधान को हिंदी और अंग्रेजी भाषा में प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था। इसके हर पेज को बेहद कठिन और इटैलिक धाराप्रवाह में लिखा गया था।

संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में हस्तलिखित और कॉलीग्राफ्ड थी। गौरतलब है कि संविधान लिखते समय किसी भी तरह की टाइपिंग या प्रिंट का इस्तेमाल नहीं किया गया था। संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को दस्तावेज पर हस्ताक्षप किए । दो दिन बाद इसे लागू किया गया था।

भारत एक स्‍वतंत्र प्रभुसत्ता सम्‍पन्‍न समाजवादी लोकतंत्रात्‍मक गणराज्‍य है। य़ह भारत के संविधान के अनुसार शासित है। जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्‍बर 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ। इस संविधान में सरकार के स्वरूप की व्यवस्था की गई जिसे संसदीय व्यवस्था कहा गया। इस संसदीय व्यवस्था की संरचना, एकात्‍मक विशिष्‍टताओं सहित संघीय है । वहीं केन्‍द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्‍ट्रपति है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्‍द्रीय संसद की परिषद में राष्‍ट्रपति तथा दो सदन है जिन्‍हें राज्‍यों की परिषद (राज्‍य सभा) तथा लोगों का सदन (लोक सभा) के नाम से जाना जाता है।

भारत के संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को माना जाता है। अंबेडकर ने भारतीय संविधान के रूप में दुनिया का सबसे बड़ा संविधान तैयार किया है। यह दुनिया के सभी संविधानों को समझने परखने के बाद बनाया गया। संविधान तैयार होने के बाद यह विश्व का सबसे बड़ा संविधान बन गया, जिसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 94 संशोधन शामिल हैं। यह हस्तलिखित संविधान है, जिसमें 48 आर्टिकल हैं। इसे तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का वक्त लगा था।

प्रवीण कुमार खारीवाल

First Published on: November 26, 2021 12:17 PM
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