
खबर है कि कोरोना के वैश्विक आतंक का खतरा धीरे-धीरे उतार पर है। इस आशय की संतोषजनक खबर सबसे पहले चीन के उस शहर वूहान से आई है जहां सबसे पहले कोरोना वायरस का आतंक शुरू हुआ था और इसी वूहान शहर ने इटली,मलेशिया, इरान, इंडोनेशिया होते हुए पूरे यूरोप, अमेरिका और एशिया महाद्वीप के लगभग डेढ़ सौ देशों को अपने आगोश में ले लिया था। भारतीय उप महाद्वीप के भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत तीसरी दुनिया के अनेक देश भी कोरोना के आतंक से होने वाले पीड़ितों की जमात में शामिल हैं।
खबर के मुताबिक़ चीन का वूहान शहर सोमवार 6 अप्रैल 2020 को कोरोना के आतंक से प्रभावित लॉक डाउन के शिकंजे से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। ख़बरों के मुताबिक़ उस दिन न केवल वूहान बल्कि पूरे चीन से कोरोना के किसी नए व्यक्ति के पीड़ित होने की जानकारी सामने नहीं आई। कोरोना के वायरस का आतंक चाहे चीन से ही फैला हो लेकिन इस साम्यवादी देश की सरकार को इस बात का श्रेय तो दिया ही जाना चाहिए कि उसने कोरोना के वायरस को देश के दूसरे इलाकों तक फैलने नहीं दिया।
यही वजह है कि चीन ने कोरोना त्रासदी के बाद वूहान को छोड़ कर और कहीं लॉक डाउन का प्रतिबन्ध नहीं लगाया था। वूहान में पिछले साल दिसम्बर मध्य से लागू हुआ लॉक डाउन 76 के बाद सोमवार 6 अप्रैल 2020 को हटा लिया गया। धीरे–धीरे दुनिया के दूसरे देश भी इसी तरफ अग्रसर हो रहे हैं। चूंकि दुनिया के दूसरे देशों में इसका प्रकोप चीन के बाद शुरू हुआ था इसलिए संभालने में भी थोड़ा विलम्ब तो होगा लेकिन जल्दी ही हालात सामान्य हो जायेंगे ऐसी उम्मीद की जाने लगी है।
भारत में भी हालात सुधरने की तरफ बढ़ रहे हैं। इस बीच यह भी कहा गया है कि अगर दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात ने गलती न की होती तो कोरोना के मामले न तो इस रफ़्तार से बढ़ते और न ही इनका राष्ट्रव्यापी प्रसार होता। गौरतलब है कि तबलीगी जमात के आयोजन में शामिल होने के लिए विदेशों के साथ ही देश के अनेक राज्यों से भी लोग यहां आये थे।
मलेशिया जैसे कोरोना प्रभावित और प्रताड़ित देशों से आये सैकड़ों विदेशियों ने हिन्दुस्तानियों को शिकार बनाया और इन जमाती हिन्दुस्तानियों ने अपने देशवासियों को। आज देश के जिन दस जिलों को कोरोना का हॉट स्पॉट माना जा रहा है उसमें मरकज के आयोजन का भी बहुत बड़ा योगदान है। सरकार ने देश के इन 10 जिलों पर ध्यान देने की जरूरत जताई है क्योंकि यहां कोरोना के 30 फीसदी मामले सामने आये हैं।
इसके साथ ही दुनिया के गंभीर रूप से प्रभावित कई देशों की तरह भारत में भी कोरोना वायरस का संक्रमण स्थिर हो गया है। हालांकि, कोरोना संक्रमण की दर पूरे देश में एक जैसी नहीं है। कहीं ज्यादा तो कहीं कम। लेकिन देश के हर इलाके में कोरोना के संक्रमण की यह डर धीरे – धीरे घट जरूर रही है, इसका नमूना इस रूप में भी देखा जा सकता है कि देश के सबसे प्रभावित राज्य केरल में इसकी वृद्धि घट रही है, लेकिन महाराष्ट्र अब भी समस्या बना हुआ है।
देश में कुल 720 जिलों में कोरोना से प्रभावित जिलों की संख्या मात्र दस बताई जा रही है जो प्रतिशत के हिसाब से सिर्फ 1.4 फीसद ही बनता है। इन आंकड़ों पर यकीन करने का मन तो नहीं होता लेकिन सरकार कह रही है तो भरोसा करना ही पड़ेगा।
गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में पिछले सप्ताह कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़े थे। इस आधार पर महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली में कोरोना पीड़ितों का ग्राफ सर्वाधिक देखा गया। तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और राजस्थान भी इसी राह पर चलते दिखे लेकिन इनका ग्राफ नीचे ही रहा उधर केरल, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक राज्यों में भी कोरोना पीड़ितों की वृद्धि दर में धीरे–धीरे कमी होती दिखाई दे रही है।
माना जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर भी पिछले तीन सप्ताह के दौरान कोरोना पीड़ितों की वृद्धि दर सबसे कम ही दर्ज की गई है, यह सब इसलिए हो सका क्योंकि दुनिया भर में कोरोना को काबू में करने के लिए जिस लॉकडाउन हथियार का उपयोग किया गया उसने ही गंभीर प्रकोप से जूझते देशों के बुरे दौर को ख़त्म करने की दिशा में सार्थक कदम उठाये हैं। आंकड़े बताते हैं कि प्रभावित देशों में बुरा दौर खात्मे की ओर है।
योगी सरकार का बड़ा फैसला
वैश्विक स्तर पर कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग के सन्दर्भ में ही भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार के इस फैसले के मुताबिक राज्य के एक दर्जन से अधिक संक्रमित घोषित जिलों के कोरोना पीड़ित इलाकों को बुधवार 8 अप्रैल को रात 12 बजे से 13 अप्रैल रात 12 बजे तक सील करने का फैसला लिया गया है।
सील किये गए इन क्षेत्रों में किसी को भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं रहेगी जहां पर संक्रमण अधिक है। सभी जगह पर कर्फ़्यू जैसी हालत रहेगी। कोई भी बाहर नहीं निकल सकेगा और पूरे राज्य में अब कोई भी 30 अप्रैल तक बिना मास्क के बाहर नहीं निकल सकेगा। राज्य के आगरा, शामली, मेरठ, बरेली, कानपुर, वाराणसी, लखनऊ, बस्ती, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, महारजगंज, सीतापुर, बुलंदशहर और फिरोजाबाद जिलों के प्रभावित इलाकों में यह प्रशासनिक व्यवस्था पूर्ण कर्फ्यू शैली में लॉक डाउन की शेष मौजूदा अवधि तक तो चलेगी ही और अगर केंद्र सरकार ने 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन की अवधि में विस्तार किया तो उस आधार पर आगे का फैसला लिया जायेगा।
सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार, मौजूदा लॉकडाउन के दौरान हो रहे उल्लंघन से संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा था जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। अब जिलों में केवल उन्हीं वाहनों की एंट्री होगी जिनके पास वैध पास होंगे। इसके अलावा लोगों को राहत देने के लिए 31 मई तक बैंकों से किसी किसान को किसी तरह का नोटिस जारी न करने को भी कहा गया है।
(लेखक दैनिक भास्कर के संपादक हैं।)