World Environment Day 2022 : प्रकृति के साथ सद्भाव से ही सुरक्षित होगा मानव जीवन

स्टॉकहोम सम्मेलन के 50 साल पूरे होने पर यह वर्ष एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है. स्वीडन विश्व पर्यावरण दिवस, 2022 का मेजबान देश है, जिसका विषय 'केवल एक पृथ्वी' है - प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने पर ध्यान केंद्रित करना है.

दुनिया लंबे समय से अनियंत्रित मानसून, ग्लोबल वार्मिंग, अति ठंड, ग्लेशियर के पिघलने और पर्यावरण प्रदूषण से परेशान है. पर्यावरण के इस अनियंत्रित व्यवहार से मानव जीवन के साथ ही समूची प्रकृति को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. मनुष्यों से लेकर पशु-पक्षियों और वनस्पतियों तक में तरह-तरह के रोग लग रहे हैं. जिसका निदान चिकित्सकों के पास नहीं है. पिछली शताब्दी में मानव जाति की प्रगति के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों के दोहन में भारी वृद्धि हुई थी. प्रत्येक दशक में समुद्री प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से लेकर वनस्पतियों और जीवों के ह्रास तक पर्यावरणीय मुद्दों में वृद्धि देखी गई है.

मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (स्टॉकहोम सम्मेलन) 1972 में पर्यावरण के साथ अपने प्रमुख एजेंडे के रूप में पहला वैश्विक सम्मेलन बन गया. सम्मेलन में स्वस्थ वातावरण में रहने के अधिकार को बुनियादी मानव अधिकार घोषित किया गया. स्टॉकहोम सम्मेलन ने विश्व पर्यावरण दिवस के विचार को औपचारिक रूप दिया. यह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के निर्माण का भी गवाह बना. विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के नेतृत्व में मनाया जाता है, जो कि खराब पर्यावरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को सकारात्मक कार्रवाई करने और बेहतर भविष्य बनाने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करता है.

स्टॉकहोम सम्मेलन के 50 साल पूरे होने पर यह वर्ष एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है. स्वीडन विश्व पर्यावरण दिवस, 2022 का मेजबान देश है, जिसका विषय ‘केवल एक पृथ्वी’ है – प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने पर ध्यान केंद्रित करना है. विश्व पर्यावरण दिवस ऐसे समय में मनाया जा रहा है जब ग्रह कई संकटों का सामना कर रहा है. जलवायु परिवर्तन से लेकर जैव विविधता के नुकसान और कार्बन उत्सर्जन में बहुत ज्यादा वृद्धि हो रही है.

विश्व पर्यावरण दिवस लोगों के लिए पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के अभियानों में भाग लेने के लिए एक वैश्विक मंच बन गया है. यह दिन हर साल एक विशिष्ट विषय और नारे के अनुसार मनाया जाता है जो उस समय की प्रमुख पर्यावरणीय चिंता को संबोधित करता है. हर साल, एक अलग देश इस आयोजन की मेजबानी करता है.

भारत ने 2018 में 45वें विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी की. उस वर्ष की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं’ थी. पिछले साल विश्व पर्यावरण दिवस के उत्सव ने पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली (2021-2030) पर संयुक्त राष्ट्र के दशक की शुरुआत की – जो कि खेतों से लेकर जंगलों तक, पहाड़ों की चोटी से लेकर समुद्र की गहराई तक अरबों हेक्टेयर को पुनर्जीवित करने के लिए एक वैश्विक मिशन है.

इस साल की थीम ‘केवल एक पृथ्वी’ है, हर साल इस दिन को एक खास थीम के साथ एक महान संदेश के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष की थीम ‘प्रकृति के साथ सद्भाव में स्थायी जीवन’ की दिशा में अत्यधिक महत्व रखती है. पृथ्वी को बचाने के लिए संपूर्ण मानव जाति द्वारा निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है. यहां तक ​​कि, प्रत्येक व्यक्ति द्वारा किए गए एक छोटे से प्रयास से प्रकृति को बचाने के लिए एक बड़ा अंतर हो सकता है.

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मनुष्य के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह हमारे जीवन में प्रकृति के महत्व को समझे. यह दिन प्रमुख रूप से जागरूकता बढ़ाने या मानव जाति को ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के खतरों से आगाह करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है.’मदर नेचर’ के महत्व को चिह्नित करने के लिए, पृथ्वी को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए पर्यावरण के संरक्षण और पोषण के विश्व पर्यावरण दिवस जरूरी है. इस विश्व पर्यावरण दिवस 2022 के अवसर पर 5 छोटे व्यक्तिगत प्रयास अपना कर बड़े पैमाने पर बदलाव ला सकते हैं.

First Published on: June 5, 2022 5:30 PM
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