फुटबॉल के जादूगर माराडोना के मौत से देश-विदेश में शोक की लहर


डिएगो माराडोना के निधन से जहां दुनिया भर में फुटबालप्रेमी शोकाकुल हैं , वहीं उनके देश अर्जेंटीना में तो मानों आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है और हर कोई उनसे जुड़े स्थानों पर जमा होकर एक दूसरे का दुख बांट रहा है ।


बबली कुमारी बबली कुमारी
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नई दिल्ली। अर्जेन्टीना के महान फुटबॉलर और कोच रह चुके डिएगो माराडोना का 60 साल की उम्र में निधन हो गया। कार्डिएक अरेस्ट से उनका निधन हुआ। इसी महीने माराडोना की ब्रेन सर्जरी हुई थी और दो सप्ताह पहले ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी। माराडोना को दुनिया के महान फुटबॉलरों में शामिल किया जाता है। 1986 में अर्जेंटीना को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में मराडोना का बड़ा हाथ रहा था।

डिएगो माराडोना के निधन से जहां दुनिया भर में फुटबालप्रेमी शोकाकुल हैं , वहीं उनके देश अर्जेंटीना में तो मानों आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है और हर कोई उनसे जुड़े स्थानों पर जमा होकर एक दूसरे का दुख बांट रहा है ।

अर्जेंटीना के फुटबालप्रेमी विला फियोरिटो में उस छोटे से मकान के बाहर जमा हुए जहां उनके महानायक माराडोना का जन्म हुआ और वह पले बढे । विला फियोरिटो के जिस धूल धसरित मैदान पर माराडोना ने फुटबॉल का ककहरा सीखा था, वहां उनकी याद में कोई आंसू नहीं बहाये गए बल्कि उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाया गया ।

वे उस अर्जेंटीनोस जूनियर स्टेडियम पर भी जमा हुए जहां माराडोना ने 1976 में पेशेवर फुटबॉल में पहला कदम रखा था । वे बोका जूनियर्स के ऐतिहासिक ला बोंबोनेरा स्टेडियम के बाहर भी इकट्ठे हुए । जिम्नासिया ला प्लाटा के मुख्यालय के बाहर भी फुटबॉलप्रेमी जमा हुए । माराडोना इस टीम के कोच रहे थे ।

फुटबॉलप्रेमियों की भीड़ में मौजूद डॉक्टर डांटे लोपेज ने कहा ,‘‘ मैं विश्वास नहीं कर पा रहा हूं ।मुझे समझ में नहीं आ रहा है । डिएगो कभी मर नहीं सकता , आज माराडोना – एक मिथक का जन्म हुआ है ।’’

प्रशंसकों ने उनकी याद में मोमबत्तियां जताई और फूल चढाये । अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अलबर्टो फर्नांडिज ने कहा ,‘‘ दुनिया के लिये अर्जेंटीना का मतलब डिएगो था । उसने हमें खुशियां दी , इतनी खुशियां कि हम कभी उसका ऋण नहीं चुका सकेंगे ।’’

अर्जेंटीना में तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी गई है ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार सुबह ट्वीट करते हुए डिएगो माराडोना को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘डिएगो माराडोना फुटबॉल के उस्ताद थे, जिनको दुनियाभर के लोगों ने प्यार दिया. पूरे करियर के दौरान, उन्होंने लोगों को फुटबॉल फील्ड पर बेहद शानदार पल दिए। उनके निधन से हम सभी दुखी हैं, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।’

माराडोना बोका जूनियर्स, नपोली और बार्सिलोना के लिए क्लब फुटबॉल खेल चुके हैं। दुनिया भर में उनकी बहुत फैन फॉलोइंग रही है। ड्रग्स और शराब की लत के चलते वह कई बार विवादों में भी रह चुके हैं। अर्जेंटीना की ओर से खेलते हुए माराडोना ने 91 मैचों में 34 गोल किए। अर्जेंटीना की ओर से माराडोना ने चार वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया है।जहां दुनिया के लिये वह महानतम फुटबॉलर थे लेकिन नैपोली के फुटबॉलप्रेमियों के लिये डिएगो माराडोना का दर्जा खुदा से कम नहीं था ।माराडोना की अगुवाई में नैपोली ने 1987 और 1990 में दो सीरि ए खिताब जीते थे । इससे देश के फुटबॉल मानचित्र पर इस छोटे से शहर का नाम उभरा जो मिलान और तूरिन जैसे महानगरों के आगे दबा रहता था ।

नैपोली के पूर्व अध्यक्ष कोराडो फेरलेइनो ने कहा ,‘‘ माराडोना सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं था । वह बरसों तक नैपोली की ऊर्जा का स्रोत रहा ।’’



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