बेलग्रेड। युवा अंशु मलिक 57 किग्रा वर्ग में रजत पदक के साथ यहां व्यक्तिगत कुश्ती विश्व कप में पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला पहलवान रहीं।
जूनियर वर्ग में पहचान बनाने के बाद सीनियर वर्ग में खेल रही अंशु ने इस स्तर पर तीन टूर्नामेंटों में अपना तीसरा पदक जीता है। बुधवार रात को हुए खिताबी मुकाबले में अंशु को मालदोवा की अनास्तासिया निचिता के खिलाफ 1-5 से हार झेलनी पड़ी।
अंशु ने इसी साल नयी दिल्ली में एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था जबकि जनवरी में रोम में मातियो पेलिकोन टूर्नामेंट में रजत पदक हासिल किया था।अंशु ने 57 किग्रा वर्ग में विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता पूजा ढांडा और अनुभवी सरिता मोर की मौजूदगी के बावजूद इस वर्ग में अपना दावा मजबूत किया है।
भारतीय पहलवान ने अपने अभियान की शुरुआत अजरबेजान की एलयोना कोलेसनिक के खिलाफ 4-2 की जीत के साथ की और फिर क्वार्टर फाइनल में जर्मनी की लॉरा मर्टेन्स को 3-1 से हराया।
अंशु ने सेमीफाइनल में रूस की वेरोनिका चुमिकोवा को चित्त किया। एक अन्य भारतीय पहलवान पिंकी भी 55 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंची जहां उन्हें बेलारूस की इरीना कुराचकिना के खिलाफ हार झेलनी पड़ी।
पिंकी को इसके बाद कांस्य पदक के मुकाबले में रूस की ओल्गा खोरोशावत्सेवा के खिलाफ तकनीकी दक्षता के आधार पर शिकस्त झेलनी पड़ी। सरिता (59 किग्रा), सोनम मलिक (62 किग्रा) और साक्षी मलिक (65 किग्रा) अपने-अपने वर्ग में क्वार्टर फाइनल से आगे बढ़ने में नाकाम रहे।
अनुभवी गुरशरणप्रीत ने 72 किग्रा वर्ग के रेपेचेज वर्ग में जगह बनाई लेकिन तकनीकी दक्षता के आधार पर उन्हें येवगेनिया जखारचेनको के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी।
निर्मला देवी (50 किग्रा) और किरण (76) क्वालीफिकेशन दौर में ही हार गए। निर्मला को पोलैंड की अन्ना लुकासियाक जबकि किरण को कनाडा की एरिका एलिजाबेथ विएबे के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।
ग्रीको रोमन वर्ग में सिर्फ अर्जुन हलाकुर्की ही 55 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में जगह बना सके जबकि अन्य कोई भारतीय पहलवान क्वालीफिकेशन राउंड की बाधा को भी पार नहीं कर पाया। अर्जुन को किर्गिस्तान के बेलबाई डोर्डोकोव के खिलाफ 5-10 से हार झेलनी पड़ी।