भारतीय हॉकी टीम के ‘गोल्ड प्लेयर’ बलबीर सिंह सीनियर का निधन, गोल मशीन के नाम से दुनिया में कमाया था नाम
पिछले दो सप्ताह से कई बीमारियों से जूझ रहे तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार को निधन हो गया। 95 वर्षीय बलबीर के परिवार में बेटी सुशबीर और तीन बेटे कंवलबीर, करणबीर और गुरबीर हैं।
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पिछले दो सप्ताह से कई बीमारियों से जूझ रहे तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार को निधन हो गया। 95 वर्षीय बलबीर के परिवार में बेटी सुशबीर और तीन बेटे कंवलबीर, करणबीर और गुरबीर हैं।
फेफड़ों में निमोनिया और तेज बुखार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था
मोहाली के फोर्टिस अस्पताल के निदेशक अभिजीत सिंह ने प्रेस ट्रस्ट को बताया, ”उनका सुबह 6.30 पर निधन हुआ।” बलबीर सीनियर को आठ मई को वहां भर्ती कराया गया था। वह 18 मई से अर्ध चेतन अवस्था में थे और उनके दिमाग में खून का थक्का जम गया था। उन्हें फेफड़ों में निमोनिया और तेज बुखार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
ओलंपिक इतिहास के 16 महानतम ओलंपियनों में शामिल थे बलबीर सिंह
देश के महानतम एथलीटों में से एक बलबीर सीनियर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा चुने गए आधुनिक ओलंपिक इतिहास के 16 महानतम ओलंपियनों में शामिल थे। हेलसिंकी ओलंपिक फाइनल में नीदरलैंड के खिलाफ पांच गोल का उनका रिकॉर्ड आज भी कायम है।
गोल मशीन के नाम से मशहूर थे बलबीर सिंह सीनियर
बलबीर सिंह सीनियर दुनियाभर में गोल मशीन के नाम से मशहूर थे। भारत ने हॉकी में ओलंपिक लंदन (1948), हेल्सिंकी (1952) और मेलबोर्न (1956) में गोल्ड मेडल जीता था, खास बात यह है कि इन तीनों टीमों में बलबीर सिंह सीनियर मेडल विजेता टीम के हिस्सा थे। साल 1948 के लंदन ओलंपिक में अर्जनटीना के खिलाफ उन्होंने 6 गोल दागे थे, इस मैच में भारत 9-1 से जीता था।