इंदौर (मध्यप्रदेश)। पुलिस ने मोबाइल ऐप के जरिये अंकों पर ऑनलाइन सट्टेबाजी में शामिल गिरोह के खिलाफ जारी जांच के दौरान 1.31 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की है। पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक जांच में यह भी पता चला है कि गिरोह के सदस्यों ने गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर बैंकों में फर्जी खाते खोले जिनमें पिछले छह महीने के दौरान ऑनलाइन सट्टेबाजी की 53 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि का लेन-देन किया गया।
पुलिस निरीक्षक अभय नेमा ने बताया कि पिछले दो साल से चल रही ऑनलाइन सट्टेबाजी का पहला सुराग नजदीकी महू क्षेत्र में जुलाई में मिला था और अब तक इस मामले में मुख्य आरोपी राजा वर्मा समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उन्होंने बताया, “आरोपियों से कुल 1.31 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है।” नेमा ने बताया कि महू क्षेत्र का रहने वाला वर्मा गरीबों और मजदूरों को दुकान खोलने के लिए बैंकों से कर्ज दिलवाने के नाम पर उनसे आधार कार्ड और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज लेता था। इन दस्तावेजों के आधार पर फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंकों में चालू खाते खुलवाए जाते थे।
उन्होंने बताया, “इन खातों को ऑनलाइन सट्टे में लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया जाता था। जांच के घेरे में आए ऐसे 13 बैंक खातों में पिछले छह माह के दौरान 53.23 करोड़ रुपये का लेन-देन पाया गया है।” नेमा ने बताया कि फिलहाल इन बैंक खातों में करीब 1.5 करोड़ रुपये जमा है। इन खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी गई है।
पुलिस निरीक्षक ने बताया कि गिरोह के सरगना वर्मा ने इंदौर के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से मोबाइल ऐप विकसित कराया था। इस ऐप के जरिये अंकों पर ऑनलाइन सट्टा लगाया जाता था। उन्होंने बताया, “हमारी जांच के मुताबिक इस ऐप के जरिये हर रोज देश भर के 15,000 से ज्यादा लोग अंकों पर सट्टा लगाते थे।” अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन सट्टेबाजी में शामिल गिरोह के खिलाफ पुलिस की विस्तृत जांच जारी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी मामले की जानकारी दी जा रही है।