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नवसारी। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हमला करने से पहले माना जाता है कि पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पांच मछुआरों की हत्या की थी और इन्हीं पांच में से तीन मछुआरों के परिजन को घटना के 12 साल बाद गुजरात सरकार ने पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि दो मछुआरों के परिवार को पूर्व में विभिन्न प्राधिकारियों द्वारा मुआवजा दिया जा चुका है। इनमें ‘कुबेर’ नामक मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर के कैप्टन अमरसिंह सोलंकी शामिल है गुजरात के नवसारी जिले के जलालपुर तालुका के वंसी गांव के रहने वाले तीन अन्य मछुआरों नटू राठौड़, मुकेश राठौड़ और बलवंत टांडेल के परिवार आर्थिक सहायता का इंतजार कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि तीन मृतक मछुआरों के परिवारों के सदस्यों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता सावधि जमा के रूप में दी गई। नवसारी जिले के आपदा प्रबंधन शाखा की मामलादार रोशनी पटेल ने बताया कि शुक्रवार को मछुआरों के परिवार को सावधि जमा राशि के दस्तावेज सौंपे गए।
पटेल ने बताया, सरकार के नियमों के तहत तीनों मछुआरों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये की सावधि जमा राशि के दस्तावेज दिए और इसकी मियाद पूरी होने की समयसीमा तीन साल है। उल्लेखनीय है कि नवसारी की दीवानी अदालत ने फरवरी 2017 में तीनों मछुआरों को मृत घोषित किया था।
इससे पहले मृतकों के परिजन ने मुआवजे के लिए अदालत का रुख किया था क्योंकि राज्य सरकार द्वारा उन्हें मृत घोषित नहीं किए जाने की वजह से सहायता संभव नहीं थी।