जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के लिये अटॉर्नी जनरल ने नहीं दी सहमति


वेणुगोपाल की राय थी कि मुख्यमंत्री और उनके प्रधान सलाहकार का आचरण ‘प्रथमदृष्टया’ अवज्ञाकारी है, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए कार्यवाही शुरू करने की सहमति नहीं दी कि रेड्डी ने भारत के प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे को पत्र लिखा है और मामला उनके पास विचाराधीन है।


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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी।


नई दिल्ली। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कुछ अन्य न्यायाधीशों के विरुद्ध आरोप लगाने पर राज्य के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी तथा उनके प्रधान सलाहकार अजेय कल्लम के खिलाफ सोमवार को अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति नहीं दी।

वेणुगोपाल की राय थी कि मुख्यमंत्री और उनके प्रधान सलाहकार का आचरण ‘प्रथमदृष्टया’ अवज्ञाकारी है, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए कार्यवाही शुरू करने की सहमति नहीं दी कि रेड्डी ने भारत के प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे को पत्र लिखा है और मामला उनके पास विचाराधीन है।

भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने वेणुगोपाल को पत्र लिखकर रेड्डी तथा उनके सलाहकार के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति देने की मांग की थी।

रेड्डी ने प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उनकी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी सरकार को गिराने और अस्थिर करने के लिए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का इस्तेमाल किया जा रहा है।