आचार्य किशोर कुणाल की पत्नी ने कहा- ‘उन्हें पद्मश्री नहीं भारत रत्न मिलना चाहिए’


किशोर कुणाल के नेतृत्व में महावीर मंदिर ट्रस्ट ने महावीर कैंसर संस्थान की स्थापना की। जहां गरीब और वंचित लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। पटना में ज्ञान निकेतन विद्यालय की भी स्थापना की गई।


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बिहार Updated On :

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा बिहार की सात प्रतिष्ठित हस्तियों को पद्म पुरस्कार दिए जाने घोषणा की गई है। इन सात हस्तियों में लोक सेवक किशोर कुणाल का नाम भी शामिल हैं जिन्हें पद्मश्री दिए जाने की घोषणा हुई है। किशोर कुणाल की पत्नी अनिता कुणाल ने पद्मश्री सम्मान को लेकर अंसतुष्टि जताई है। अनिता कुणाल ने कहा हम पद्मश्री से बहुत संतुष्ट नहीं हैं। उनके लिए पद्मश्री बहुत कम है, वे पद्मश्री से ज्यादा के वह हकदार थे। उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए।

अनिता कुणाल ने कहा कि हम इससे (पद्मश्री) ज्यादा की मांग करेंगे। उन्होंने (किशोर कुणाल) हर क्षेत्र में काम किया है।उनका कार्यक्षेत्र बहुत विस्तृत था। अध्यात्म, एजुकेशन, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया है। वैसे सिविल सेवा के क्षेत्र में पद्मश्री मिलना अच्छी बात है।

आचार्य किशोर कुणाल के पुत्र सायण कुणाल ने कहा कि भारत सरकार को धन्यवाद देते हैं।पिछले साल 29 दिसंबर को पिताजी का निधन हुआ था।इतने कम समय में पद्मश्री दिया जा रहा है।वैसे हम लोग आगे चलकर समाज सेवा के क्षेत्र में उनके (किशोर कुणाल) लिए मांग करेंगे। कोई भी पुरस्कार उनके कद को जस्टिफाई नहीं कर सकता है। अभी पद्मश्री से हम लोग संतुष्ट हैं। वे (किशोर कुणाल) बिहार वासियों के दिल में हमेशा जीवित रहेंगे।

आचार्य किशोर कुणाल की बहू व सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि हमारे लिए गर्व का पल है। खुशी की बात है कि सिविल सेवा के क्षेत्र में उनको मरणोपरांत पद्मश्री दिया जा रहा है। उनके काम को सराहा गया है। केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हैं।

बता दें कि गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले भारत के राष्ट्रपति ने इस साल के पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है।इस सम्मान में मरणोपरांत आचार्य किशोर कुणाल को पद्म श्री सम्मान से नवाजा जाएगा।उन्हें यह सम्मान सिविल सेवा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दिया गया है।हालांकि नीतीश सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित करने की मांग की थी।सिर्फ पद्मश्री मिलने पर पत्नी अनिता कुणाल ने नाराजगी व्यक्त की है।उनके योगदान के हिसाब से पद्मश्री कम माना जा रहा है।

पूर्व आईपीएस अधिकारी और बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष किशोर कुणाल का बीते साल 29 दिसंबर को निधन हो गया था।उन्हें दिल का दौरा पड़ा था।आचार्य किशोर कुणाल ने 74 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली थी।किशोर कुणाल अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापकों में से एक थे।सेवानिवृत्ति के बाद किशोर कुणाल समाज सेवा में जुट गए थे।किशोर कुणाल ने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और संस्कृत में ग्रेजुएशन किया।इसके बाद किशोर कुणाल गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी बने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के तौर पर उनकी तैनाती पटना में भी हुई।

किशोर कुणाल के नेतृत्व में महावीर मंदिर ट्रस्ट ने महावीर कैंसर संस्थान की स्थापना की। जहां गरीब और वंचित लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। पटना में ज्ञान निकेतन विद्यालय की भी स्थापना की गई। कैमूर पहाड़ियों पर गुप्त काल के एकमात्र विद्यमान मंदिर मुंडेश्वरी भवानी के जीर्णोद्धार में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी पहल और प्रयासों के कारण ही बिहार के पूर्वी चंपारण में दुनिया के सबसे बड़े विराट रामायण मंदिर का निर्माण शुरू हुआ।