पटना। बिहार में सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में फिर से उमेश सिंह कुशवाहा की औपचारिक घोषणा के बाद सबकी नजर राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर है। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य परिषद की बैठक में ही फिर से ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के संकेत भी दे दिए। वैसे, कहा भी जा रहा है कि फिलहाल ललन सिंह के अलावे राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए जदयू के पास ऐसा कोई नेता नहीं है।
दरअसल, जदयू की रविवार को राज्य परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहने को लेकर अपने संबोधन में ही कह दिया कि उनका प्रस्ताव है कि ललन सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते रहे। इसके लिए मैं प्रस्ताव भी कर दूंगा।
ऐसे में यह तय है कि नीतीश कुमार के कहने के बाद जदयू में कोई फेरबदल की संभावना है। जदयू के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर दबी जुबान इतना जरूर कहते हैं कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर किसी भी विवाद के उत्पन्न होने को लेकर पहले से ही सशंकित थे, ऐसे में उनके नाम को लेकर संकेत देकर उनपर अपनी मुहर लगा दी।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद यह तय है कि ललन सिंह निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाएंगें। हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा 10 और 11 दिसंबर को पटना में होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में होगा। 11 दिसंबर को खुला अधिवेशन भी है।
वैसे, फिलहाल जदयू के पास मुंगेर के सांसद ललन सिंह के अलावा कोई ऐसा चेहरा नहीं है जिसे अध्यक्ष का दायित्व सौंपा जा सके। उमेश सिंह कुशवाहा के फिर से प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद तय था कि जदयू सामाजिक समीकरण साधने के लिए किसी सवर्ण को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाएगी।
सवर्ण में पार्टी के पास एक बड़ा चेहरा बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा का है, लेकिन उनके पास बतौर मंत्री कई विभागों का दायित्व है। ऐसे में सोशल इंजीनियरिंग में माहिर माने जाने वाले नीतीश के पास ललन सिंह ही पहली पसंद थे।
ऐसे में तय है कि फिलहाल जदयू में कुछ नहीं बदलेगा। गौरतलब है कि रविवार की राज्य परिषद की बैठक में उमेश सिंह कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने की औपचारिक घोषणा कर दी गई।