पटना। बिहार में जब एनडीए की सरकार थी तब राज्य में जाति आधारित जनगणना कराने का निर्णय लिया गया था। राज्य में दूसरे चरण की जातीय जनगणना का कार्य चल भी रहा है। इस बीच, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित जनगणना कराने की बात रखी है। राहुल की मांग का जदयू ने भी समर्थन किया है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया है, जो सामाजिक न्याय की दिशा में एक सही कदम है और इसका स्वागत है।
जनता दल (यूनाइटेड) और हमारे नेता नीतीश कुमार की तरफ से इसकी मांग वर्षों से होती रही है। इसबार भी गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर ऐसी मांग की। जनता दल (यूनाइटेड) के 11 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल गृहमंत्री से मिलकर जातिगत जनगणना करवाने की मांग की, लेकिन वे नहीं माने।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय गणना कराने का निर्णय लिया, जिसमें भाजपा जानबूझ कर देर करती रही, लेकिन मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्णय के सामने भाजपा को झुकना पड़ा और गणना हो रही है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री बिहार की कई जनहितकारी योजनाओं को अपने राष्ट्रीय योजनाओं में शामिल किया है।
सिंह ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि जनहित और राष्ट्रहित में इसे भी स्वीकार कर पूरे देश में जाति आधारित जनगणना कराइए ताकि अतिपिछड़े, दलित, पिछड़े और ऊंची जाति के लोगों को आबादी के अनुरूप सत्ता में भागीदारी और हिस्सेदारी मिलने का रास्ता साफ हो सके।