लैंड फॉर जॉब केस: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट में आज सुनवाई


लैंड फॉर जॉब घोटाला में आरोप है कि रेलवे में नौकरियां देने के बदले जमीन ली गई। यह घोटाला उस समय का बताया जाता है जब लालू प्रसाद यादव वर्ष 2004 से 2009 के बीच केंद्रीय रेल मंत्री थे। इस मामले में उनके परिवार के सदस्यों, खासतौर पर उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव पर भी आरोप लगे थे।


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बिहार Updated On :

नई दिल्ली। लैंड फॉर जॉब घोटाला से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में राऊज एवेन्यु कोर्ट आज सुनवाई करेगा। ईडी की ओर से दायर चार्जशीट में पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, मीसा भारती सहित अन्य को आरोपी बनाया है। जबकि सीबीआई ने 78 लोगो के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया है। बता दें कि सीबीआई ने 7 जून 2024 को इस मामले में अंतिम चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें 78 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन 78 आरोपियों में से रेलवे में नौकरी पाने वाले 38 उम्मीदवार भी शामिल हैं। कोर्ट ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की सुनवाई भी टालते हुए 1 मार्च की तारीख तय करने का आदेश दिया था।

बता दें कि ईडी के मामले में कोर्ट ने 7 मार्च 2024 को राबड़ी देवी, मीसा भारती, हीमा यादव और हृदयानंद चौधरी को नियमित जमानत दी थी। कोर्ट ने 18 सितंबर को ईडी की ओर से दाखिल पहली पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। ईडी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पूर्व केंद्रीय रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया है।दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब घोटाले के सीबीआई से जुड़े मामले में दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया। स्पेशल जज विशाल गोगने ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव, बेटे तेज प्रताप यादव, बेटी हेमा यादव को समन जारी किया था।

इससे पहले कोर्ट ने 21 फरवरी 2025 को 25 फरवरी के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। फिर इसे बाद 11 मार्च तक फैसला टाल दिया था। लेकिन इसी जुड़े कई मामलों में कोर्ट की कार्रवाई जारी है और इस क्रम में आज मनी लॉंड्रिंग मामले में सुनवाई है। हालांकि, इस मामले में आरोपियों की पेशी नहीं होनी है और आरोपियों के वकील कोर्ट में उपस्थित होंगे।वहीं, इसी मामले में एक अहम सुनवाई 7 मार्च को है। उन तमाम आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश होना होगा। वहीं, अगर कोई आरोपी पेश नहीं होगा तो उसे वीडियो काॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश होना होगा।

यहां यह भी बता दें कि बीते 20 जनवरी 2024 को ईडी की दिल्ली और पटना टीम के अधिकारियों ने लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव और तेजस्वी यादव से करीब 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। सूत्रों ने बताया था कि तब लालू यादव से उस समय करीब 50 से अधिक सवाल किए गए थे। उन्होंने अधिकारियों के अधिकतर सवालों के जवाब हां या ना में ही दिए थे। पूछताछ के दौरान कई बार लालू यादव झल्ला भी गए थे। वहीं, तेजस्वी यादव से 30 जनवरी 2024 को लगभग 10-11 घंटे की पूछताछ हुई थी। इसको लेकर बिहार में सियासत भी काफी गर्म हो गई थी।

लैंड फॉर जॉब घोटाला में आरोप है कि रेलवे में नौकरियां देने के बदले जमीन ली गई। यह घोटाला उस समय का बताया जाता है जब लालू प्रसाद यादव वर्ष 2004 से 2009 के बीच केंद्रीय रेल मंत्री थे। इस मामले में उनके परिवार के सदस्यों, खासतौर पर उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव पर भी आरोप लगे थे। आरोप लगे हैं कि रेलवे में ग्रुप D और अन्य पदों पर भर्ती के बदले गरीब लोगों से उनकी जमीनें बहुत कम दामों पर ली गईं या गिफ्ट के रूप में ट्रांसफर करवाई गईं। ये जमीनें लालू यादव और उनके परिवार से जुड़े लोगों के नाम पर ली गईं।

सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच शुरू की। लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और उनके करीबी लोगों पर धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया गया। सीबीआई ने कई जगहों पर छापेमारी भी की और सबूत जुटाए। आरोप के अनुसार, रेलवे में नौकरी पाने वाले उम्मीदवारों से उनकी जमीनें ली गईं। ये जमीनें बेहद कम कीमत पर परिवार के नाम ट्रांसफर की गईं और बिना नियमों का पालन किए नौकरियां दी गईं। खस बात यह कि कई संपत्तियां कथित रूप से बेनामी संपत्तियों के रूप में दर्ज हैं।



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