पटना। बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने मंगलवार को राज्य के पंचायती राज अधिनियम में संशोधन किया जिसके तहत कोरोना के कारण स्थगित किये गये इन ग्राम निकायों के नए चुनाव होने तक उनके कामकाज की निगरानी के लिए परामर्श समितियां गठित करने का रास्ता साफ हो गया।
बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी के अनुसार इस आशय के प्रस्ताव को मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी मिल गई और राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद आगे के तौर-तरीकों पर फैसला किया जाएगा। पंचायत निकायों का कार्यकाल अगले 15 जून को समाप्त होगा।
वर्तमान में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुये चुनाव को टाल दिया गया है। चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, संशोधन की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि पिछले अधिनियम में इस तरह के परिदृश्य के संबंध में कोई प्रावधान नहीं था जिसमें अप्रत्याशित स्थिति के कारण चुनाव स्थगित हो जाते हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद सरकार तय करेगी कि परामर्श समिति में कौन-कौन शामिल होंगे और कौन इसका नेतृत्व करेगा जो कि पंचायतों, जिला परिषदों और ग्राम कचहरी के कामकाज की देखरेख करेंगी।