प्रदर्शनकारी किसानों पर लाठीचार्ज : RJD ने कहा-सरकार लाठी-गोली के दम पर किसानों की आवाज को दबाना चाहती है


अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार प्रदेश सचिव रामाधार सिंह ने कहा कि भगत सिंह का पंजाब और स्वामी सहजानंद की किसान आंदोलन की धरती बिहार में किसानों की एकता कायम होने लगी है, इससे भाजपाई बेहद डरे हुए हैं।


मंज़ूर अहमद मंज़ूर अहमद
बिहार Updated On :

पटना। नये कृषि कानूनों के खिलाफ बिहार की राजधानी पटना में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। खबरों के अनुसार किसान आंदोलन के समर्थन में पटना में किसान महासभा और वामदलों से जुड़े 10 हजार कार्यकर्ता मार्च निकाल रहे थे। गांधी मैदान से राजभवन के लिए निकले कार्यकर्ताओं को पुलिस ने डाकबंगला चौराहे पर रोक दिया जिसके बाद नाराज प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड को तोड़कर राजभवन की तरफ बढ़ने की कोशिश करने लगे।

किसानों द्वारा बैरिकेड तोड़ आगे बढ़ने पर पुलिस ने समझाया, लेकिन किसान नहीं माने जिसके बाद पुलिस और किसानों में धक्कामुक्की शुरू हो गई और फिर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जिसके बाद प्रदर्शनकारी डाकबंगला चौराहे पर ही धरने पर बैठ गए और राजभवन जाने की जिद पर अड़ गए और काफी समझाने के बाद करीब 2.45 बजे वहां से हटे।

मार्च रोकना किसानों के साथ अन्याय है
अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार प्रदेश सचिव रामाधार सिंह ने कहा कि सरकार विरोध-प्रदर्शन को खत्म करना चाहती है। राजभवन मार्च नहीं करने देना किसानों पर अन्याय है। हम लोग राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन देना चाहते हैं।

अखिल भारतीय किसान महासभा ने पहले कहा था कि मार्च गांधी मैदान के 10 नंबर गेट से निकाला जाएगा, लेकिन 10 नंबर गेट पर प्रशासन ने ताला लगा दिया। प्रशासन का कहना है कि भीड़ बढ़ने से लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही थी। इस बात से गुस्साए लोग 6 नंबर गेट पर छोटे गेट का ताला तोड़ कर डाक बंगले की तरफ बढ़ गए।

कृषि कानून को रद्द करने की मांग
प्रदर्शनकारी नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में वे मार्च निकालना चाहते थे। हंगामे की वजह से डाकबंगला चौराहे और आस-पास के इलाकों में भारी जाम लग गया जिससे वाहनों को आने-जाने में कुछ देर के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ा था।

किसानों की एकता से डरी बीजेपी
अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार प्रदेश सचिव रामाधार सिंह ने सोमवार को कहा था, “राजभवन मार्च में बटाईदार किसानों का भी बड़ा हिस्सा शामिल रहेगा। पूर्णिया, अररिया, सीमांचल के अन्य जिलों, चंपारण, सीवान, गोपालगंज सहित कई जिलों के किसान इसके लिए सोमवार को ही पटना रवाना हो गए। भगत सिंह का पंजाब और स्वामी सहजानंद के किसान आंदोलन की धरती बिहार में किसानों की एकता कायम होने लगी है, इससे भाजपाई बेहद डरे हुए हैं।”

किसानों पर लाठी चार्ज करने पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी अरुण कुमार यादव ने  ट्वीट कर कहा, सरकार लाठी-गोली के दम पर किसानों की आवाज को दफनाना चाहती है जोकि अलोकतांत्रिक है।



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