बिहार में पहली बार बना खेल मंत्रालय, लाखों युवाओं को होगा फायदा


इससे पहले, ‘मेडल लाओ नौकरी पाओ’ के तहत नीतीश सरकार खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र दिए थे। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री आवास के अंदर बने हाल “नेक संवाद” में आयोजित किया गया था।


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बिहार Updated On :

पटना। नीतीश कैबिनेट ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए आज से खेल विभाग का अलग मंत्रालय बना दिया है। पहले खेल मंत्रालाय, कला संस्कृति और युवा विभाग का हिस्सा था। बिहार और झारखंड के बंटवारे के बाद बिहार में पहली बार खेल विभाग बना है। राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नीतीश कैबिनेट ने यह फैसला लिया है। बीते शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी। अब घोषणा को कैबिनेट बैठक ने अमलीजामा पहना दिया है।

इससे पहले, ‘मेडल लाओ नौकरी पाओ’ के तहत नीतीश सरकार खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र दिए थे। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री आवास के अंदर बने हाल “नेक संवाद” में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में तेजस्वी यादव विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित किए गए थे। कार्यक्रम में आरजेड़ी कोटे से मंत्री जितेंद्र कुमार राय विभागीय मंत्री होने के नाते आमंत्रित किए गए थे।

आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय में बढ़ोतरी

नीतीश सरकार ने आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय में बढ़ोतरी करके नया साल का बड़ा तोहफा दिया है। बिहार की लगभग ढाई लाख आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को इस फैसले का फायदा मिलेगा। नीतीश कैबिनेट की विशेष बैठक में इसकी स्वीकृत प्रदान कर दी गई। अब आंगनवाड़ी सेविका को 7 हजार और सहायक सेविका को 4 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा।

मुखिया के मानदेय में बढ़ोतरी

लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पंचायती राज्य संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ा दिया है। मुखिया का मानदेय दोगुना करते हुए 5 हजार रुपये कर दिया गया है। वहीं, उपमुखिया को ढाई हजार रुपये मिलेंगे। वार्ड सदस्य का मानदेय 800 रुपये, सरपंच का 5 हजार रुपये, उपसरपंच का ढाई हजार और पंच का मानदेय 800 रुपये कर दिया गया है। 2 लाख से ज्यादा जनप्रतिनिधियों को सरकार के इस फैसले का लाभ मिलेगा।



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