नीतीश सरकार को लेकर तेजस्वी की बड़ी तैयारी, क्या मानसून सत्र में चाचा पर भारी पड़ेगा भतीजा?


विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव की ओर से सदन को सुचारू रूप से चलाने की बात कही गई है, लेकिन विपक्ष के तेवर को देखते हुए लग रहा है कि 5 दिन का सत्र भी जोरदार और हंगामेदार रहने वाला है।


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बिहार Updated On :

पटना। बिहार विधानमंडल में मानसून सत्र की शुरुआत आगामी 22 जुलाई से होने जा रही है। ऐसे तो यह सत्र काफी छोटा होने वाला है, जो 26 जुलाई तक केवल 5 दिन चलेगा। इस दौरान वित्तीय वर्ष 2024-25 का प्रथम अनुपूरक बजट पेश होगा और साथ ही विनियोग विधेयक पर भी मुहर लगेगी। इस दौरान एक ओर जहां सत्ता पक्ष अपनी उपलब्धियां गिनाएगा, वहीं इस सत्र के दौरान सरकार को घेरने की पुरजोर तैयारी विपक्ष ने कर रखी है। खास तौर पर सबको इंतजार एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आमने-सामने होने को लेकर है।

बता दें कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले, इसके लिए गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव की अध्यक्षता में प्रेस दीर्घा समिति की बैठक हुई जिसमें सदन को सुचारू रूप से चलाने को लेकर चर्चा हुई। इस बैठक में विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव भी मौजूद रहे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन कार्यवाही के दौरान सरकार की ओर से दिये जा रहे जवाब को समाचार में प्रमुखता से जगह मिलनी चाहिए।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, मानसून सत्र के पहले दिन नये सदस्य का शपथ और शोक प्रकाश भी रखा गया है। सत्र के दूसरे दिन मंगलवार 23 जुलाई और तीसरे दिन बुधवार 24 जुलाई को राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य लिये जाएंगे। 25 जुलाई को 2024-25 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी पर वाद -विवाद, मतदान एवं विनियोग विधेयक पेश किये जाएंगे। सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार 26 जुलाई को गैर सरकारी संकल्प लिये जाएंगे।

विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव की ओर से सदन को सुचारू रूप से चलाने की बात कही गई है, लेकिन विपक्ष के तेवर को देखते हुए लग रहा है कि 5 दिन का सत्र भी जोरदार और हंगामेदार रहने वाला है। लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर नीतीश सरकार को लगातार घेर रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक बार फिर हमलावर होंगे। वहीं, आरजेडी के नेतृत्व में विपक्षी खेमा इस बार सरकार को घेरने की तैयारी में है।

राजद विधायक डॉ मुकेश रौशन कहते हैं कि राज्य की लचर कानून व्यवस्था से लेकर विभिन्न विभागों में फैली भ्रष्ट्राचार और अनियमितता से जुड़े सवाल हम लोग सदन के अंदर से लेकर बाहर तक उठायेंगे। सरकार अगर माकूल जवाब नहीं देती तो हम लोग सरकार के खिलाफ सदन से लेकर सड़क तक हल्ला बोलेंगे। इधर कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा कहते हैं कि यह मॉनसून सत्र जनता से जुड़े सवाल को लेकर बुलाई जाता है, लेकिन जब सरकार जनता से जुड़े मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेती और सिर्फ अपना गुणगान करती है, जो इस बार हमारी पार्टी नहीं होने देगी। हम लोग काम का हिसाब सरकार से लेंगे।

दूसरी ओर विपक्ष के इस तेवर का एहसास पहले ही JDU और BJP को हो चुका है सो इसको देखते हुए BJP और JDU ने भी अपनी रणनीति बना ली है। एनडीए खेमा कह रहा है कि अगर विपक्ष जनता से जुड़े मुद्दे सही तरीके से सदन में उठाएगा तो हम लोग भी उसका जवाब देंगे, अन्यथा उनका काम ही है सदन के कार्यवाही को हल्ला गुल्ला कर बाधित करना है।



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