रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कर्मियों के टीकाकरण के लिए कोविशील्ड के तीन लाख से अधिक वैक्सीन उपलब्ध कराए जाएंगे। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कर्मियों के टीकाकरण के लिए टीकों की पहली खेप जल्द पहुंचने वाली है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रोटोकॉल के अनुसार राज्य के सभी जिलों में टीकों के वितरण, परिवहन और भंडारण की व्यवस्था की है।
राज्य में 13 जनवरी यानि बुधवार तक टीका पहुंचने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के सभी जिलों में टीकाकरण के लिए पूर्वाभ्यास किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ को भारत सरकार द्वारा पहली खेप में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ‘कोविशील्ड’ के तीन लाख 23 हजार टीके उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ये टीके आईसीएमआर द्वारा प्रमाणित हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने रायपुर विमानतल से राज्य वैक्सीन भंडार तक टीकों के परिवहन के लिए इंसुलेटेड वैक्सीन वेन की व्यवस्था की है। इसमें टीकों को अनुकूल तापमान 2 डिग्री सेल्सियस से 8 डिग्री सेल्सियस तक रखा जाएगा। राज्य वैक्सीन भंडार से इंसुलेटेड वैक्सीन वेन के माध्यम से सभी जिलों में टीके भेजे जाएंगे। इसके लिए एक राज्य स्तरीय, तीन क्षेत्रीय और 27 जिला स्तरीय कोल्ड चैन प्वाइंट्स बनाए गए हैं।
राज्य में टीकों के सुरक्षित भंडारण और परिवहन के लिए अभी 630 क्रियाशील कोल्ड चेन प्वाइंट और 85 हजार लीटर से अधिक कोल्ड चैन स्पेस उपलब्ध है। इनके साथ ही 81 अतिरिक्त कोल्ड चैन प्वाइंट भी स्थापित किए गए हैं। वैक्सीन के परिवहन के लिए 1311 कोल्ड-बॉक्स उपलब्ध हैं। वहीं सीरिंज और अन्य सामग्रियों के भंडारण के लिए राज्य में 360 ड्राई-स्टोरेज भी बनाए गए हैं।
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर अमर सिंह ठाकुर ने बताया कि राज्य में टीकाकरण के लिए 1349 स्थल चिन्हित किए गए हैं जहां कुल दो लाख 67 हजार 399 स्वास्थ्य कर्मियों, राज्य और केंद्रीय कर्मचारियों तथा सशस्त्र बलों के कर्मियों को टीके लगाए जाएंगे। इन सब की जानकारी कोविन पोर्टल में दी गई है। टीकाकरण के लिए 7116 टीकाकरण कर्मियों को चिन्हित कर इसका प्रशिक्षण दिया गया है। सभी 28 जिलों में 83 स्थानों पर कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया जा चुका है।
टीकाकरण के बाद किसी भी तरह की प्रतिकूल घटना या आपात स्थिति के प्रबंधन के लिए राज्य स्तर से लेकर टीकाकरण स्थलों तक एईएफआई (एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन) प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ किया गया है। सभी टीकाकरण केंद्रों को नजदीकी एईएफआई प्रबंधन प्रणाली जैसे मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि टीकाकरण के दौरान और बाद में जैव चिकित्सकीय अपशिष्टों के प्रबंधन के लिए भी समुचित व्यवस्था की गई है। सभी कोल्ड चैन प्वाइंट में डीप-पिट और शार्ट-पिट तैयार किया गया है। राज्य में वैक्सीन लॉन्च के लिए 99 केंद्र चिन्हित किए गए हैं।