नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा कोयले की बिक्री पर अवैध कमीशन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम के मामले में छत्तीसगढ़ में छापेमारी कर रहा है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया और आईएएस समीर विश्नोई समेत अन्य जांच के घेरे में हैं। विश्नोई और चौरसिया को जांच एजेंसी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
दिसंबर में ईडी ने सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, आईएएस समीर विश्नोई, सुनील अग्रवाल और अन्य की 152.31 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति कुर्क की थी।
छत्तीसगढ़ के आईएएस समीर विश्नोई, इंद्रमणि ग्रुप के सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को सितंबर में गिरफ्तार किया गया था।
आईएएस रानू साहू, कथित तौर पर लापता थीं, लेकिन उन्होंने अक्टूबर में ईडी को लिखा था कि वह चिकित्सा अवकाश पर हैं। बाद में ईडी ने अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में उसकी मां के घर पर तलाशी अभियान चलाया था।
ईडी के अधिकारियों ने बिश्नोई से 25 रुपये प्रति टन कोयले के कथित कमीशन के संबंध में पूछताछ की थी। ईडी ने लगातार दो दिनों तक छत्तीसगढ़ में भी छापेमारी की थी और करीब 4 करोड़ रुपये बरामद किए थे।
इससे पहले आयकर विभाग ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री बघेल के बेहद करीबी कुछ अधिकारी कोयले और अन्य कारोबारियों से कमीशन/रिश्वत लेने में शामिल हैं।
आईएएस जेपी मौर्य, रानू साहू घरों पर भी संघीय धन शोधन रोधी एजेंसी ने छापा मारा था। ईडी की टीम ने तीन आईपीएस अधिकारियों के परिसरों की भी तलाशी ली। जब पहले छापे मारे गए थे, तो मुख्यमंत्री ने इसे राजनीतिक छापे करार दिया था।