पुलिस के खोजी अभियान के बावजूद हुआ छत्तीसगढ़ में विस्फोट, जांच को बनाई गई टीम

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छत्तीसगढ़ Updated On :

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में नक्सली घटना के बाद पुलिस के खोजी अभियान पर अब सवाल उठाने लगे हैं। सुरक्षाबलों के रवाना होने से पहले पुलिस ने रुट पर विस्फोटकों की जांच की थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बलों के गुजरने से पहले क्षेत्र में बारूदी सुरंगों का पता लगाने का अभियान चलाये जाने के बाद भी विस्फोट कैसे हुआ, इस बिंदु की भी जांच की जाएगी।

नारायणपुर जिले के धौड़ाई थानाक्षेत्र अंतर्गत मरोड़ा गांव के करीब नक्सलियों ने मंगलवार को बारूदी सुरंग में विस्फोट करके बस को उड़ा दी थी। इस घटना में डीआरजी के पांच जवानों की मृत्यु हो गई थी तथा 13 अन्य जवान घायल हो गए थे। घटनास्थल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के कड़ेनार गांव स्थित शिविर से तीन किलोमीटर दूर है।

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बुधवार को बताया कि क्षेत्र में आईटीबीपी और स्थानीय पुलिस के बम निरोधक दस्ते ने बारूदी सुरंगों का पता लगाने के लिए अभियान चलाया था। उन्होंने बताया कि जब क्षेत्र में खोजी अभियान पूरा हो गया था तब वहां से सुरक्षा बलों को आवाजाही की अनुमति दी गई थी लेकिन दुर्भाग्यवश बारूदी सुरंग में विस्फोट हो गया।

सुंदरराज ने बताया कि पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि जांच में पता लगाया जाएगा कि नक्सलियों ने किस तरह के विस्फोटक का इस्तेमाल किया है तथा इस घटना में कौन-कौन नक्सली शामिल थे।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, बम निरोधक दस्ते के विशेषज्ञ और फोरेंसिक विशेषज्ञ इसकी जांच करेंगे कि बम खोजी अभियान चलाये जाने के बाद भी बारूदी सुरंग को कैसे खोजा नहीं जा सका और उसमें विस्फोट हो गया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल की जांच से जानकारी मिली है कि एक या दो नक्सलियों ने लगभग 100 मीटर की दूरी से तार के माध्यम से विस्फोट की घटना को अंजाम दिया है। उन्होंने बताया कि बारूदी सुरंग को सड़क और पुल के जुड़ने वाले स्थान पर लगाया गया था।

सुंदरराज ने बताया कि नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले की सीमा पर दो दिनों तक चले नक्सल विरोधी अभियान के बाद डीआरजी के जवान कड़ेमेटा शिविर पहुंचे थे और वहां से उन्हें 60 किलोमीटर दूर नारायणपुर जिला मुख्यालय पहुंचना था।

उन्होंने बताया कि डीआरजी के जवान चार मिनी बस में सवार हुए थे। उन्होंने बताया कि एक बस में 26 जवान सवार थे और जैसे ही बस मरोड़ा गांव के करीब पुल पर पहुंची नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया। उन्होंने बताया कि विस्फोट से बस का सामने का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और वह पुल से नीचे गिर गई।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि अभी तक की जांच में यह जानकारी मिली है कि बस के सूखी नदी में गिरने के कारण जवानों को अधिक चोट पहुंची। उन्होंने बताया कि घटना के बाद रोड ओपनिंग पार्टी में शामिल आईटीबीपी के जवान और अन्य वाहनों में सवार जवानों ने बचाव अभियान चलाया।

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस घटना में घायल जवानों में से 10 जवानों को रायपुर के अस्पताल में तथा एक जवान को नारायणपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों की हालत खतरे से बाहर है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि अन्य घायल जवानों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।