
नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह केंद्र सरकार के राज्य में मालगाड़ियों का परिचालन बंद करने के विरोध में राजधानी दिल्ली में राजघाट की बजाय अब जंतर मंतर में धरना दे रहे हैं। वे इस मसले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलना चाहते थे, जिसकी अनुमति नहीं मिली।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि पंजाब में मालगाड़ियों का परिचालन बंद होने से बड़ा संकट पैदा हो गया है। पहले सामने आया कि सीएम का पंजाब के विधायकों के साथ राजघाट पर धरना देंगे लेकिन बाद में वे जंतर मंतर चले गए।
कैप्टन ने कहा कि मालगाडि़यों का परिचालन बंद होने के कारण पंजाब में कोयले की कमी से थर्मल प्लाटों में बिजली उत्पादन बंद है। खाद व डीएपी सहित अन्य जरूरी वस्तुएं पंजाब नहीं पहुंच पा रही हैं।
अनाज व सब्जियां अन्य राज्यों को भेजने में भी रुकावट पैदा हो गई है। इन मुद्दों पर केंद्र सरकार का ध्यान दिलाया जाएगा। उधर पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू सहित कई विधायकों को दिल्ली पुलिस ने दिल्ली बॉर्डर पर रोक दिया गया। वे जंतर मंतर पर धरना में शामिल होने जा रहे थे।
गौरतलब है कि पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ 32 जगहों पर रेल पटरियों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते रेलवे को लगभग 1200 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, प्रदर्शनों के कारण जारी नाकेबंदी की वजह से जरूरी सामान लाने वाली 2,225 से अधिक मालगाड़ियों का संचालन नहीं हो सका है। लगभग 1,350 मालगाड़ियों का संचालन रद्द करना पड़ा है या उनका मार्ग बदल दिया गया है।
प्रदर्शनकारी अचानक कुछ ट्रेनों को रोक चुके हैं और विभिन्न स्थानों विशेष रूप से जंडियाला, नाभा, तलवंडी साबो और बठिंडा के आसपास छिटपुट नाकेबंदी जारी है।
इससे पहले, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रेलगाड़ियों का संचालन फिर से शुरू करने से पहले रेल की पटरियों और संचालन कर्मियों की सुरक्षा का आश्वासन मांगा था।