दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों ने नीट, जेईई मेन्स और जेईई एडवांस क्लीयर किया


पश्चिम विहार स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय के छात्रा पीयूष झा ने बताया कि नीट में उनका स्कोर 720 में से 706 था और 21 लाख छात्रों में से अखिल भारतीय स्तर पर 88वीं रैंक है। दिल्ली की शिक्षा प्रणाली ने उनकी सफलता में अहम भूमिका निभाई है।


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दिल्ली Updated On :

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेईई और नीट की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों के साथ शनिवार को संवाद कर उनका उत्साह वर्धन किया। त्यागराज स्टेडियम में आयोजित संवाद कार्यक्रम में छात्रों के साथ उनके पैरेंट्स और शिक्षक भी मौजूद रहे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने टॉप रैंक हासिल करने वाले छात्रों को स्मृति चिन्ह और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान छात्रों और अभिभावकों ने सफलता के अनुभवों को भी साझा किया।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बिना अच्छी शिक्षा के कोई भी देश तरक्की नहीं कर सकता। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके परिणाम स्वरूप आज हमारे स्कूलों में पढ़ने वाले 1391 छात्रों ने नीट क्वालिफाई किया है, जबकि 730 ने जेईई मेन्स और 106 बच्चों ने जेईई एडवांस क्लीयर किया है। ये बच्चे देश का भविष्य हैं और यही अपनी प्रतिभा से भविष्य में दिल्ली और देश का नाम रोशन करेंगे। मेरी यह इच्छा है कि मैं देश के हर बच्चे को उस स्तर की शिक्षा अवश्य दे सकूं, जो इस देश ने मुझे दी है।

त्यागराज स्टेडियम में आयोजित संवाद कार्यक्रम में दोपहर करीब 12 बजे सीएम अरविंद केजरीवाल बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। इस दौरान स्कूली बच्चों के आर्केस्ट्रा बैंड ने उनका स्वागत किया। इसके उपरांत मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने जेईई और नीट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले दिल्ली सरकार के स्कूलों के 30 छात्रों को स्मृति चिन्ह और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। इसके बाद शिक्षा मंत्री आतिशी ने जेईई और नीट में टॉप करने वाले छात्रों से उनका फीडबैक लिया।

जब तक हर बच्चे को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी, देश तरक्की नहीं कर सकता- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आठ साल पहले हम लोग नए-नए राजनीति में आए थे। उसके पहले एनजीओ के जरिए दिल्ली की झुग्गियों में काम किया करते थे। हमारा एक सपना था कि जब तक इस देश के हर तबके के बच्चे को अच्छी से अच्छी और बराबरी की शिक्षा नहीं मिलेगी, तब तक देश तरक्की नहीं कर सकता। आठ साल पहले दिल्ली में हमारी सरकार बनी। हम सभी लोग एक साधारण परिवार से थे। हमने जिंदगी में कभी सोचा भी नहीं था कि हम राजनीति में जाएंगे। लेकिन उपर वाले का कुछ करिश्मा हुआ और दिल्ली की जनता ने हमें इतना प्यार दिया कि यहां हमारी सरकार बन गई और इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिली।

आठ साल के अंदर त्यागराज स्टेडियम सफलता से भर गया- अरविंद केजरीवाल

सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि सरकार बनने के बाद हमने शिक्षा पर काम करना शुरू किया। यह काम आसान नहीं था। लेकिन आज यह लगता है कि असंभव भी नहीं था। आठ साल के अंदर यह त्यागराज स्टेडियम सफलता से भरा हुआ है। आज इस त्यागराज स्टेडियम में ढेर सारे बच्चे, पैरेंट्स और टीचर्स अपनी सफलता का जश्न मना रहे हैं। यह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है।

2021 में 496 बच्चे नीट क्लीयर किए थे, जो बढ़कर अब 1391 हो गए- अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने आंकड़ों के जरिए बताया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले 1391 छात्रों ने नीट क्वालिफाई किया है। इसमें से 458 लड़के हैं और 933 लड़किया हैं। वहीं, 730 बच्चों ने जेईई मेन्स क्लीयर किया है। जिसमें 607 लड़के और 123 लड़किया हैं। इसके अलावा, 106 बच्चों ने जेईई एडवांस क्लीयर किया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने पिछले कुछ वर्षों के आंकडे देते हुए बताया कि किस तरह दिल्ली सरकार के स्कूलों का दबदबा जेईई और नीट में बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2021 में जेईई एडवांस क्लीयर करने वाले 64 बच्चे थे, जो इस साल बढ़कर 106 हो गए। 2021 में जेईई मेन्य क्लीयर करने वाले 384 बच्चे थे, जो इस साल बढकर 730 हो गए हैं। इसी तरह, 2021 में नीट क्लीयर करने वाले 496 बच्चे थे, जो इस बार तीन गुना बढ़कर 1391 हो गए हैं।

पहली बार जेईई-नीट परीक्षा में शामिल हुए एएसओएसई के छात्रों का प्रदर्शन शानदार रहा

अरविंद केजरीवाल ने बताया कि पश्चिम विहार स्थित आरपीवीवी के पीयूष झा ने नीट परीक्षा में अखिल भारतीय श्रेणी में 88वीं रैंक (श्रेणी रैंक-3) हासिल की है, जबकि उसी स्कूल के जिब्राइल आलम ने नीट में अखिल भारतीय श्रेणी में 91वीं रैंक हासिल की है। दक्षिणपुरी एक्सटेंशन स्थित एसवी के गौरव कुमार ने जेईई एडवांस में अखिल भारतीय स्तर पर 51वीं रैंक हासिल की है और वो आईआईटी मुंबई में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करेंगे। इसी तरह, राधे श्याम पार्क स्थित जीएसबीवी के आस्तिक नारायण ने जेईई एडवांस में अखिल भारतीय स्तर पर 193वीं रैंक हासिल की है।

डॉ. बीआर अंबेडकर स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल के छात्र पहली बार जेईई और नीट परीक्षा में शामिल हुए। एएसओएसई से 143 छात्रों ने जेईई मेन्स क्वालिफाई किया है, जबकि इनमें से 24 ने जेईई एडवांस क्वालिफाई किया है। 187 छात्रों ने नीट भी क्वालिफाई किया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि सभी बच्चों ने गजब प्रदर्शन किया है। सभी बच्चों ने बहुत मेहनत की है। भगवान से प्रार्थना करता हूं कि सभी बच्चों ने सारे सपने पूरे हों और खूब तरक्की करें।

देश की तरक्की करनी है तो हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देनी पड़ेगी

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस देश ने मुझे बहुत कुछ दिया है। मैं आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। मेरी रैंक अखिल भारतीय स्तर पर 563 थी। आज इस हॉल में बैठे कई बच्चों की रैंक मुझसे कहीं ज्यादा अच्छी है। मेरी इच्छा है कि मैं कम से कम देश के सभी बच्चों उस स्तर की शिक्षा अवश्य दे सकूं, जो इस देश ने मुझे दी है। मेरे दो बच्चे भी आईआईटी दिल्ली से हैं। हम शिक्षा के महत्व को समझते हैं। हम मानते हैं कि बिना शिक्षा के कोई देश तरक्की नहीं कर सकता। अगर देश की तरक्की करनी है तो हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा देनी पडेगी।

सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होने के कारण बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजने को मजबूर थे

सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2013-14 में जब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ते थे, उस वक्त ऐसा लगता था कि बच्चों का कोई भविष्य नहीं है। अगर किसी के घर में एक बेटा और एक बेटी होती थी और माता-पिता के पास थोड़ा सा पैसा होता था, तो वो बेटे को प्राइवेट स्कूल में और बेटी को सरकारी स्कूलों में भेजते थे। उस दौरान स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का औसत बहुत ज्यादा था। पैरेंट्स अपने बच्चों को घर बैठा लेते थे, क्योंकि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती थी और बच्चे को काम पर लगा देते थे। हम दिल्ली के झुग्गी बस्तियों में देखते थे कि सरकारी स्कूलों की कितनी बुरी दशा है।

पैरेंट्स अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से निकाल कर सरकारी स्कूलों में भर्ती करा रहे हैं

अरविंद केजरीवाल ने एक पैरेंट्स का जिक्र करते हुए बताया कि उनके दोनों बच्चे पहले प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते थे। उन्होंने प्राइवेट स्कूलों से निकाल कर अपने दोनों बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूलों में कराया। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अंदर जो बदलाव आया है, वो बहुत बड़ी बात है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने पैरेंट्स को बधाई देते हुए कहा कि बच्चों की सफलता पैरेंट्स के लिए बहुत बड़ा दिन होता है। मुझे याद है कि जब मेरा आईआईटी में हुआ था, तब मेरे पैरेंट्स को कितनी खुशी हुई थी। उन्होने कहा कि अभी सारी चिंताएं खत्म नहीं हुई हैं। हालांकि अच्छी बात ये है कि जब बच्चे आईआईटी से निकलते हैं तो हर बच्चे के पास कई सारे अवसर और विकल्प होते हैं। जब मैं आईआईटी से निकला तो मेरे नंबर अच्छे थे। उन दिनों में आईआईटी से निकलने वाले अधिकतर बच्चे विदेश चले जाते थे। मैं भी उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा सकता था, लेकिन मैं नहीं गया। मुझे लगा कि अगर सारे अच्छे बच्चे विदेश चले गए तो भारत को कौन संभालेगा?

पहले सरकारी स्कूलों की हालत जर्जर थी और आज उन्हीं स्कूलों के बच्चे इंजीनियर- डॉक्टर बन रहे हैं

वहीं, मीडिया से बात करते हुए सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में बहुत क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं। आज हम दिल्ली सरकार के स्कूलों के उन बच्चों से मिले, जिन्होंने आईआईटी जेईई और नीट के पेपर पास किए हैं। इन बच्चों के साथ उनके पैरेंट्स, टीचर्स और प्रिंसिपल से भी मिले। दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले 1391 बच्चों ने नीट, 730 ने आईआईटी मेन्स, 106 बच्चों ने जेईई एडवांस क्वालिफाई किया है, जो बहुत बड़ी बात है। पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत बहुत जर्जर होती थी और पैरेंट्स अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना नहीं चाहते थे। आज उन्हीं सरकारी स्कूलों के बच्चे इंजीनियर और डॉक्टर बनने जा रहे हैं।

गरीब परिवारों के लाखों बच्चों को अपने सपने साकार करने की उम्मीद जगी है- आतिशी

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि मुझे याद है, जब 2016-17 में दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों ने आईआईटी और नीट एग्जाम को क्लीयर किया था और तब हमने पहली बार बच्चों के साथ संवाद किया था। उस दौरान सारे बच्चे, उनके पैरेंट्स और टीचर एक छोटी सी जगह में आ गए थे, लेकिन आज दिल्ली सरकार के स्कूलों में आई शिक्षा क्रांति और अरविंद केजरीवाल के विज़न के साथ नीट/जेईई क्वालिफाई करने वाले बच्चों का आंकड़ा तीन गुना बढ़ गया है। यह उपलब्धि गरीब परिवारों से आने वाले लाखों बच्चों को प्रेरित करेगा। जब एक सरकारी स्कूल का स्टूडेंट आईआईटी और एम्स में एडमिशन लेता है तो वो खुद की जिंदगी में आगे तो बढ़ने के साथ ही देश के लाखों गरीब परिवारों के बच्चों के लिए उम्मीद बनता है कि गरीबी के बावजूद अपने सपने को साकार किया जा सकता है और आईआईटी और एम्स जैसी प्रतिष्ठित संस्थानों में पंहुचा जा सकता है।

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियां भी अब जेईई-नीट जैसी परीक्षाएं पास कर रही हैं- आतिशी

शिक्षा मंत्री आतिशी ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कहा कि इस बार दिल्ली सरकार के स्कूलों की लड़कियों ने लड़कों से बेहतरीन प्रदर्शन किया है। 2016 में मैं दिल्ली सरकार के एक गर्ल्स स्कूल में बच्चियों से बात की तो पता चला कि मामूली बचत करने वाले उनके माता-पिता अपने बेटों को प्राइवेट स्कूल में भेजते हैं और बच्चियों का दाखिला सरकारी स्कूल में करवाते है। आज यह खुशी की बात है कि सीएम अरविंद केजरीवाल के विज़न के तहत हमारे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली बच्चियों को भी शानदार शिक्षा मिल रही है और वो भी जेईई और नीट जैसी परीक्षाएं क्वालिफाई कर प्रतिष्ठित संस्थानों में एडमिशन ले रही हैं। उन्होंने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने 8 साल पहले जो सपना देखा था कि दिल्ली सरकार अपने स्कूलों के हर बच्चों को विश्व स्तरीय शिक्षा देगी, वो आज पूरा हो रहा है। उसी का नतीजा है कि आज इतनी बड़ी संख्या में दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चे नीट और जेईई क्वालीफाई कर रहे हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने इन छात्रों को किया सम्मानित

जेईई व नीट में दिल्ली सरकार के स्कूलों का नाम रौशन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेईई एडवांस में शानदार प्रदर्शन करने वाले गौरव कुमार, पूरन मयूर, विराट कल्सन, जयेस राज सिंघल, अक्षत मीणा, पराग जगरवाल, रमेश कुमार दास, सक्षम मैत्री, पृथ्वीराज, तनुज चौहान को सम्मानित किया। वहीं, नीट में शानदार प्रदर्शन करने वाले छात्र पीयूष झा, मोहम्मद जिबरैल आलम, मोहम्मद राहिल आलम, अमानुल हक, आरती, हिमांशु, देवेश कुमार मीणा, दीपांशु, विकास कुमार झा, दिवाकर को सम्मानित किया गया।

जेईई-एनईईटी परीक्षा में दिल्ली सरकार के स्कूलों की स्थिति

परीक्षा का नाम    2021     2022             2023
जेईई मेन्स           384      496                 730
जेईई एडवांस      64          74                    106
नीट                   496       658                  1391

सरकारी स्कूल से मिले टैबलेट से की नीट की तैयारी- पीयूष झा

पश्चिम विहार स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय के छात्रा पीयूष झा ने बताया कि नीट में उनका स्कोर 720 में से 706 था और 21 लाख छात्रों में से अखिल भारतीय स्तर पर 88वीं रैंक है। दिल्ली की शिक्षा प्रणाली ने उनकी सफलता में अहम भूमिका निभाई है। मैं लोअर मीडिल क्लास से हूं। मैं एक टैबलेट भी खरीदने में सक्षम नहीं था। दिल्ली सरकार से मिले टैबलेट की मदद से मैंने ऑनलाइन क्लास ली और मेरी तैयारी में काफी मदद की। स्कूल के कई बच्चे पहले भी मेडिकल व अन्य बडी परीक्षाएं क्लालिफाई की है। उनसे मुझे काफी प्रेरणा मिली।

मेरे टीचर्स ने एक्स्ट्रा क्लास दी- दीपराज

रोहिणी के सेक्टर 17 स्थित स्कूल ऑफ एक्सिलेंस के छात्र दीपराज ने बताया कि मेरे टीचर और पैरेंट्स से पूरी मदद की। मेरे मैथ के टीचर ने जेईई मेन्स और जेईई एडवंस के लिए एक्स्ट्रा क्लासेज लगवाई थी।

टेलर का बेटा हूं, अब डॉक्टर बनने जा रहा हूं- मोहम्मद जुबैर आलम

आरपीवीवी पश्चिम विहार के छात्र मोहम्मद जुबैर आलम ने कहा कि मेरे पिता टेलर हैं। मेरे पिता ने अपने दोनों बेटों को डॉक्टर बना दिए हैं। यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। मेरे स्कूल के टीचर ने बहुत ही मदद की है। इसके लिए दिल्ली सरकार और अपने टीचर का दिल से धन्यवाद करता हूं।

कोचिंग नहीं की, सेल्फ स्टडी से मिली सफलता- हर्षिता भारती

सूरजमल विहार की छात्रा हर्षिता भारती ने बताया कि मैंने 571 स्कोर हासिल किया है। मैने कोई कोचिंग नहीं की है, सिर्फ खुद से ही तैयारी की है। मुझे कहीं से गाइडेंस भी नहीं मिल पाया था। मुझे उम्मीद है कि अच्छा कॉलेज मिल जाएगा।

बिना कोचिंग के भी अच्छी रैंक हासिल करना संभव- गौरव कुमार

छात्र गौरव कुमार ने बताया कि उन्होंने जेईई एडवांस में 51वीं रैंक हासिल की है। यह उपलब्धि बिना मेरे पैरेंट्स और अभिभावकों के सपोर्ट से हासिल नहीं हो सकता था। अगर लगातार पूरी गंभीरता के साथ तैयार की जाए तो बिना कोचिंग के भी अच्छी रैंक हासिल करना संभव है। एक समान्य परिवार का छात्र जो सरकारी स्कूल में पढता है, वो भी अच्छी रैंक आसानी से ला सकता है।

जॉब के साथ की तैयारी, स्कूल से मिली किताबों ने दिलाई सफलता- दुर्गेश शर्मा

छात्र दुर्गेश शर्मा ने बताया कि नीट की परीक्षा में 592 मार्क्स हासिल किया है। मेरे घर की परिस्थिति अच्छी नहीं थी। इसलिए मैं केस्टिम की दुकान पर काम करता था। जैसे-तैसे मैंने परीक्षा की तैयारी की थी। मुझे स्कूल ने काफी किताबें उपलब्ध कराई, जिससे मुझे काफी मदद मिली।

केजरीवाल सरकार से मिली कोचिंग की मदद से नीट क्वालिफाई की- दिव्यांशी शर्मा

लाजपत नगर स्थित सरकारी स्कूल की छात्रा दिव्यांशी शर्मा ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई कोचिंग की मदद से उसने नीट क्वालिफाई किया है। मैं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बहुत-बहुत धन्यवाद करती हूं। साथ ही, अपने सभी टीचर्स और अभिभावकों का भी धन्यवाद करती हूं। मैं अंडर-19 की क्रिकेट खिलाडी भी हूं और दिल्ली के लिए खेलती हूं।

केजरीवाल सरकार ने बच्चों की शिक्षा के लिए काफी अच्छा काम किया है- पैरेंट्स

प्रशांत विहार स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा की मां ने बताया कि उनकी बेटी नीट क्वालिफाई किया है। मेरी बेटी ने बिना कोचिंग किए ही 67वीं रैंक हासिल किया है। उसने यू-ट्यूब वीडियो और सेल्फ स्टडी का सहारा लिया। बेटी के टीचर्स ने भी बहुत मदद की। मैं दिल्ली सरकार का बहुत धन्यवाद करती हूं। सरकार ने बच्चों के लिए बहुत कुछ किया है। जो बच्चे महंगी ट्यूशन और स्कूल में नहीं पढ़ सकते हैं, उनके लिए दिल्ली सरकार ने बहुत ही अच्छी शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराया हुआ है। बच्चों पर बहुत ही अधिक ध्यान दिया जाता है।

सरकारी स्कूलों में आए क्रांतिकारी बदलाव को देखकर अपने बेटों का एडमिशन कराया- पैरेंट्स

एक छात्र के पिता ने बताया कि उनका बेटा एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था। लेकिन उन्होंने दिल्ली सरकार की शिक्षा प्रणाली में आए क्रांतिकारी बदलाव को देखते हुए अपने दोनों बेटों का एडमिशन स्कूल ऑफ एक्सिलेंस में कराया। मेरा बड़ा बेटा बीएसएमएस कर रहा है। छोटे बेटे का आईआईटी में एडमिशन होने की पूरी संभावना है।