नई दिल्ली। दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग (डीसीएसके) में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान 25 सफाई कर्मियों की मौत हुई है। जिस बात की जानकारी डीसीएसके ने दिल्ली उच्च न्यायालय को दी है।
आयोग ने न्यायालय को बताया कि उसने कोविड-19 लॉकडाउन की अवधि के दौरान जरूरी उपकरणों के अभाव में 25 सफाई कर्मचारियों की मौत का संज्ञान लिया है। इसी के साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके आश्रितों के लिए उचित मुआवज़े का ऐलान किया है।
बता दें कि सीएम केजरीवाल ने राज्य के स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा को देखते हुए, उनके नाम पद्म पुरस्कार के लिए भेजने की भी बात कही। जिसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी है।
डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों नें कोरोना काल में अपनी जान की बाज़ी लगाकर लोगों की सेवा की है। दिल्ली सरकार ने तय किया है कि इस बार वो पद्म पुरस्कार के लिए केवल इन वॉरियर्स के नाम भेजेगी। नामों का चुनाव दिल्ली की जनता करेगी।
padmaawards.delhi@gmail.com पर अपने सुझाव ज़रुर भेजें। pic.twitter.com/DzqSq72Oel
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 27, 2021
वहीें कोविड के चलते जान गंवाने वाले कर्मियों के बारें में बात करते हुए आयोग ने कहा कि उसने इन व्यक्तियों की मृत्यु के मामले में मुआवजे और अनुकंपा नियुक्ति की सिफारिश की है और कुछ मामलों में एक करोड़ रुपये से 10 लाख रुपये तक के मुआवजे का भुगतान किया गया है।
आयोग ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष दायर हलफनामे में यह सूचना दी है। पीठ उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सफाई कर्मियों की लंबित तनख्वाह जारी करने, उन्हें चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ निजी सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है।
याचिकाकर्ता हरनाम सिंह का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता महमूद प्राचा ने आयोग के हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा जिसके बाद अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 13 सितंबर को सूचीबद्ध कर दिया।
आयोग ने कहा कि याचिका वेतन और सुरक्षा उपकरणों से संबंधित है, लेकिन संबंधित अधिकारियों – तीनों नगर निगमों (एमसीडी) नई दिल्ली नगर पालिका परिषद् और दिल्ली छावनी बोर्ड – को याचिका में पक्षकार नहीं बनाया गया है।
आयोग ने कहा कि सफाई कर्मचारियों को वेतन का भुगतान न करने का स्वत: संज्ञान लेते हुए, उसने एमसीडी को समय पर बकाए का भुगतान करने का निर्देश दिया है क्योंकि कर्मचारी वित्तीय कठिनाई का सामना कर रहे हैं।