दिल्ली में 611 करोड़ रुपये के फर्जी जीएसटी चालान जारी करने के आरोप में 3 गिरफ्तार


सीजीएसटी विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की 54 फर्जी फर्मो की पहचान की है, जिन्होंने 611 करोड़ रुपये का फर्जी चालान जारी किया और 38.5 करोड़ की कर चोरी में लिप्त थे।


बबली कुमारी बबली कुमारी
दिल्ली Updated On :

नई दिल्ली। सीजीएसटी विभाग ने बुधवार को तीन व्यापारियों को गिरफ्तार किया, जो कथित तौर पर एनसीआर में 54 फर्जी फर्म चला रहे थे और 611 करोड़ रुपये का फर्जी चालान जारी किया था। इन पर फर्जी बिल जारी करने के अलावा 38.5 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी करने का आरोप लगाया गया है। एक अधिकारी ने कहा, “सीजीएसटी विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की 54 फर्जी फर्मो की पहचान की है, जिन्होंने 611 करोड़ रुपये का फर्जी चालान जारी किया और 38.5 करोड़ की कर चोरी में लिप्त थे। सीजीएसटी विभाग ने कार्टेल के तीन प्रमुख व्यक्तियों को चिह्न्ति किया, जिनकी पहचान अंकित गुप्ता, उनके सहयोगी रवींद्र सिंह और राजेंद्र सिंह के रूप में की गई।”

विभाग ने पाया है कि ये फर्म ‘फर्जी’ चालान और सर्कुलर ट्रेडिंग में लिप्त थीं। इस संबंध में उसने दिल्ली में तलाशी ली।

जानकारी के अनुसार, दिल्ली दक्षिण सीजीएसटी आयुक्तालय के अधिकारियों द्वारा कुछ फर्जी फर्मो के संबंध में एक विशिष्ट खुफिया जानकारी विकसित की गई थी, जो पूरी तरह से नकली चालान बनाने और श्रृंखला के साथ अयोग्य इनपुट टैक्स क्रेडिट पास करने के उद्देश्य से बनाई गई थी।

अधिकारी ने कहा, “खोज परिसर से आपत्तिजनक दस्तावेज जैसे रबर स्टैंप और विभिन्न फर्मो के लेटर हेड, मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि जब्त किए गए हैं।”

इन लेन-देन की अब तक की गई प्रारंभिक जांच में करीब 611 करोड़ रुपये के फर्जी चालान और 38.5 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का खुलासा हुआ है। अधिकारी ने कहा कि जो लोग अपने इकबालिया बयानों में कार्टेल चला रहे हैं, उन्होंने इन फर्जी फर्मों के प्रबंधन में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है।

“इन फर्जी फर्मो के पीछे के व्यक्तियों ने सरकार को धोखा देने की साजिश रची और सीजीएसटी अधिनियम की धारा 132 (1) (बी) और 132 (1) (सी) के तहत निर्दिष्ट अपराध किए जो संज्ञेय और गैर-जमानती हैं।”

ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मामले में आगे की जांच जारी है।