राजधानी महाविद्यालय का 59वां वार्षिकोत्सव संपन्न


प्रो. अमिता गुप्ता ने महाविद्यालय के 59वे वार्षिकोत्सव के अयोजन पर सभी को सुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की इस महाविद्यालय में जहां इतने तत्पर शिक्षक एवं कर्मचारी हों वहां नई शिक्षा नीति का कार्यान्वयन सरल हो जाता है।


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दिल्ली Updated On :

नई दिल्ली। राजधानी महाविद्यालय का वार्षिकोत्सव का अयोजन महाविद्यालय के पिछले 1 वर्ष की उपलब्धियां एवं विभिन्न सोसायटी, कमिटी एवं अकादमिक जगत की उपलब्धियों को मानने के लिए किया जाता है। राजधानी महाविद्यालय के स्थापना के पश्चात प्रतिवर्ष वार्षिकोत्सव समारोह का अयोजन किया जाता है। इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए दिनांक 11 अप्रैल, 2023 को राजधानी महाविद्यालय में महाविद्यालय का 59वां वार्षिकोत्सव अर्थात पुरस्कार वितरण समारोह अत्यन्त धूम धाम से मनाया गया। इस सुभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. के के अग्रवाल, कुलपति GGS इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय एवं साथ ही डॉ. विकास गुप्ता, रजिस्टार दिल्ली विश्वविद्यालय, डॉ. रंजन कुमारी त्रिपाठी, संस्कृत विभाग , संयुक्त महाविद्यालय डीन , दिल्ली विश्वविद्यालय , प्रो. अमिता गुप्ता , कोषाध्यक्ष कॉलेज शासी निकाय एवं प्रो. आशुतोष भारद्वाज सम्माननीय अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के आरंभ में संचालिका द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया एवं शंख उच्चारण के साथ साथ दीप प्रज्वलन का प्रारंभ हुआ। इसके पश्चात छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं डीयू कुलगीत का गायन किया गया। स्वागत के इस कड़ी में आगे बढ़ते हुए मुख्य अतिथि के के अग्रवाल, डॉ. विकास गुप्ता , डॉ रंजन कुमार त्रिपाठी, प्रोफेसर अमिता गुप्ता , प्रो. आशुतोष भारद्वाज को शॉल एवं पादप आदि विभीन्न वस्तुएं प्रदान करते हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया गया।

डॉ. राकेश कुमार त्रिपाठी द्वारा 59वें वार्षिकोत्सव के संबंध में राजधानी महाविद्यालय की कुछ प्रमुख शिक्षकों को पुरस्कार के लिए मंच पर आमन्त्रित किया गया जो अनेकों वर्षों से महाविद्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे है एवं एक बेहतर सिक्षण के लिए जाने जाते हैं।

महाविद्यालय के कुछ वरिष्ठ गैर शिक्षण कर्मचारीयों को सम्मानित किया गया, जो पिछले अनेकों वर्षों से महाविद्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके साथ ही कुछ महत्त्वपूर्ण सफ़ाई कर्मी, तकनीकी संचालक आदि को भी सम्मानित किया गया।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. राजेश गिरी ने महाविद्यालय के वार्षिक प्रतिवेदन सभी लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया जिसमे विभिन्न सोसायटी/ कमेटी आदि के उत्कृष्ट उपलब्धियों की सराहना की गई। महाविद्यालय में आधारभूत संरचना से लेकर अकादमिक जगत में हुए विभिन्न कार्यों की एवं विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया।

डॉ. विकास गुप्ता, रिजिस्टार दिल्ली विश्वविद्यालय को वक्तव्य के लिए आमन्त्रित किया गया। उन्होंने अपने वक्तव्य में महाविद्यालय के पिछले वर्ष के उपलब्धियों की सराहना करते हुए भविष्य में आने वाले चुनौतियों से सामना करने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया, जो की नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में अंतर्निहित है। उन्होंने किसी की उपलब्धियों को प्रसन्नतापूर्वक मानने की प्रेरणा दी। उन्होंने जीवन के द्वंदात्मक परिस्थितियों में बीच का मार्ग निकलने पर बल देते हुए अपना वक्तव्य समाप्त किया।

मुख्य अतिथि प्रो. के के अग्रवाल ने महाविद्यालय के इतने विस्तृत वार्षिक प्रतिवेदन की सराहना की। उन्होंने कहा की राजधानी महाविद्यालय ने केवल अकादमिक अपितु सह शिक्षण गतिविधियों में भी आगे है। नई शिक्षा नीति में शिक्षको की बढ़ती भूमिका एवं सिक्षक सशक्तिकरण पर बल देते हुए उन्होंने कहा की सिखकों की भूमिका इसमें अहम है। उन्होंने कहा की सिक्षन का मूलमंत्र क्या पढ़ना है की बजाय क्या बनाना है होना चाहिए।

डॉ रंजन कुमार त्रिपाठी ने कुछ कहानियों के माध्यम से अनावश्यक प्रतित होने वाले चीजों की उपयोगिता की बात की। उन्होंने इस महाविद्यालय में बेहतर पारिवारिक संबंधों की सराहना करते हुए अपना वक्तव्य समाप्त किया।

प्रो. अमिता गुप्ता ने महाविद्यालय के 59वे वार्षिकोत्सव के अयोजन पर सभी को सुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की इस महाविद्यालय में जहां इतने तत्पर शिक्षक एवं कर्मचारी हों वहां नई शिक्षा नीति का कार्यान्वयन सरल हो जाता है।

प्रो. आशुतोष भारद्वाज को आमन्त्रित किया गया जिन्होंने सभी पुरस्कार प्राप्त करने वालों को शुभकामनाएं दी एवं इस अकादमिक वर्ष मे राजधानी महाविद्यालय के उपलब्धियों की सारहना की।

पुरस्कार वितरण सत्र में सर्वप्रथम अकादमिक टॉपर्स को सम्मानित किया गया फिर विभिन्न सोसायटी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले छात्र छात्राओं को सम्मानित किया गया।

महाविद्यालय के संस्कृति सोसायटी द्वारा विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें सभी लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. दिव्या सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया एवं इसके बाद राष्ट्र गान के साथ सफलतापूर्वक कार्यक्रम संपन्न हुआ।