यमुना स्वच्छता अभियान : यमुनोत्री से विश्रामघाट की पद-यात्रा से यमुना बनेंगी आत्मनिर्भर


पिछले कई वर्षों से यमुना को प्रदूषण से मुक्त कराने की आवाज कई तरीके से उठी है जिसमें जनता, राजनेता, एन0जी0ओ0, साधू-सत यहां तक कि अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाये भी हैं परन्तु शायद यमुना अब स्वयं को शुद्ध करने के लिए अग्रसर हो रही है।


बबली कुमारी बबली कुमारी
दिल्ली Updated On :

नई दिल्ली। पिछले कई वर्षों से यमुना को प्रदूषण से मुक्त कराने की आवाज कई तरीके से उठी है जिसमें जनता, राजनेता, एनजीओ, साधु-सत यहां तक कि अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएं भी हैं परन्तु शायद यमुना अब स्वयं को शुद्ध करने के लिए अग्रसर हो रही है। यमुना अब आत्मनिर्भर हो रही हैं।

प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर के संस्थापक इग्लैंड में पढ़े युवा उद्योगपति रंजीत चतुर्वेदी (पाठक) का भी यही एक प्रयास है। इनकी संस्था प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर जिसकी प्रेरणा उन्हें ज्योति कुमारी से मिली। मानते हैं कि घरना प्रदर्शन, चिट्ठी या सोशल मीडिया से यमुना के कष्टों का निवारण नहीं हो सकता है। उसके लिए एकमात्र उपाय है, यमुना के प्रति जन जागरूकता।

इसी संदर्भ में मथुरा और यमुनोत्रीधाम के स्थानीय संस्थाओं का सहयोग लेकर उन्होंने 620 किमी की कलश पदयात्रा का आयोजन करने का निर्णय लिया जो 20 मार्च 2021 यमुनोत्री से शुरू होकर विकासनगर, पाउण्टा साहिब, हथिनीकुण्ड, कैराना, बागपत, गाजियाबाद, दिल्ली नोएडा होते हुए ब्रज के मथुरा स्थित पुण्यतीर्थ विश्रामघाट पर 18 अप्रैल 2021 को यमुना छठ के दिन समाप्त होगी।

यात्रा के दौरान यमुना के आध्यात्मिक स्वरूप को प्रकाशित किया जायेगा। रंजीत चतुर्वेदी ने बताया कि यह यात्रा अद्वितीय है। क्योंकि जल कलश का ब्रज से प्रस्थान 15 नवम्बर 2020 दिवाली पर हुआ था और उसकी स्थापना यमुनोत्री में 17 नवंबर 2020 यम द्वितीया अथवा भाई दूज को हुई जो यमराज और यमुना भाई-बहन दिवस मनाया जाता है।

यात्रा का आरम्भ यमुना के दूसरे भाई शनि के दिवस (शनिवार) और समापन उनके पिता सूर्य के दिवस (रविवार) यमुना छठ चैत्र नवरात्रि के छठे दिन और वर्ष 2021 के 108 वें दिन 18 अप्रैल पर होगा और इस दिवस को ब्रज के अन्य त्यौहार की भाति एक महा उत्सव मनाये जाने का यह एक प्रयास है।

9 अप्रैल को इस पदयात्रा के दिल्ली पड़ाव में पुनः कृष्ण-कालिन्दी का विवाह रचेगा, जिसमें यमुनोत्री, ब्रज (मायका और संसुराल) पक्ष की भूमिका निभायेंगे और इस यात्रा से जुड़ी सभी संस्था व दिल्ली निवासी साक्षी बनेंगे।

वहीं प्रात काल इस भागवत कार्य से पहले विवाह स्थल छठ घाट पर एक सफाई अभियान का आयोजन होगा जिसमें सहयोगी सस्थाओं के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। अन्त में प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर ने देशवासियों का आहवान किया और मांग रखी कि यमुना छठ को माई दिवस घोषित किया जाये।



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