नई दिल्ली। अग्निपथ योजना के खिलाफ वामपंथी संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) समेत कई छात्र समूहों के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया और योजना को ”विनाशकारी” करार दिया। आइसा ने कहा कि यह योजना सशस्त्र बलों में स्थायी नौकरियों को नष्ट करने के अलावा और कुछ नहीं है।
प्रदर्शनकारियों ने ‘‘अग्निपथ वापस लो, तानाशाही नहीं चलेगी” के नारे लगाए। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां पकड़ी थीं, जिन पर लिखा था कि ‘सेना में सभी रिक्त पदों को स्थायी आधार पर तुरंत भरो’ और ‘अग्निपथ योजना वापस लो’।
आइसा और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) दोनों ने आरोप लगाया कि उनके कई सदस्यों को ‘बेरहमी से हिरासत में लिया गया’।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 17-18 लोग आईटीओ में विरोध प्रदर्शन करने के लिए जमा हुए थे। उन्हें हिरासत में लिया गया और तुरंत वहां से हटा दिया गया।
अग्निपथ योजना के विरोध प्रदर्शन के कारण दिल्ली के कुछ मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार शुक्रवार को बंद कर दिए गए थे।
थल सेना, नौसेना और वायु सेना में संविदा के आधार पर चार साल की अवधि के लिए सैनिकों की भर्ती के लिए केंद्र की नयी योजना ‘अग्निपथ’ के खिलाफ बुधवार से कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
विरोध के बाद एक बयान में आइसा ने कहा, ”अग्निपथ योजना सेना में स्थायी नौकरियों को नष्ट करने और सेना के जवानों के बड़े पैमाने पर हताहत होने के अलावा और कुछ नहीं है।”
आइसा ने कहा, ”मोदी सरकार ने हर क्षेत्र में अनुबंध और संविदा लागू कर सम्मानजनक रोज़गार के सभी अवसरों को समाप्त कर दिया है।”
एसएफआई की दिल्ली इकाई ने कहा कि वह अग्निपथ योजना के खिलाफ अखिल भारतीय आह्वान में शामिल हुए हैं।
एसएफआई ने एक बयान में कहा, “अग्निपथ जिसका उद्देश्य सशस्त्र बलों को कमजोर करना है, वह घोर जन-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी है। पहले से ही स्थिर अर्थव्यवस्था में जहां बेरोजगारी की दर सबसे अधिक है, केंद्र सरकार की यह पहल इस देश के युवाओं के लिए विकट स्थिति पैदा करेगी।