नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने ऑक्सीजन सिलेंडरों की कथित कालाबाजारी के एक मामले में कैट्स एम्बुलेंस सेवा में काम करने वाले दो पैरामेडिक कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी पवन (21) दक्षिणपुरी का रहने वाला है। वह एक प्रशिक्षित पैरामेडिक है और कैट्स एम्बुलेंस सेवा के साथ काम करता है। वह 15 लीटर के ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए 40,000 रूपये लेता था और 50 लीटर के सिलेंडर के लिए 90,000 रूपये लेता था।
उन्होंने बताया कि आरोपी ने अपना मोबाइल नंबर इंस्टाग्राम पर डाल रखा था जिसके बाद उसके पास ऑक्सीजन सिलेंडर के अनुरोध आने लगे। एम्बुलेंस में गंभीर रूप से बीमार मरीजों को लाने-ले जाने के लिए जो ऑक्सीजन सिलेंडर आवंटित किए जाते थे वह उन में हेरफेर करता था। खरीददार उसे पेटीएम से भुगतान करते थे।
पुलिस ने बताया कि पवन के सहयोगी विपिन नागर और रोहित नागर इस काम में उसकी मदद करते थे। ये दोनों आरोपी भी पैरामेडिक हैं। पुलिस ने विपिन को गिरफ्तार कर लिया है जबकि रोहित को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
इन लोगों के खिलाफ छह मई को दक्षिण दिल्ली के आंबेडकर नगर पुलिस थाने में एक महिला ने शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें कहा गया था कि एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर अपना मोाबइल नंबर डाला है जिसमें कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करने की बात है।
महिला ने शिकायत में कहा कि जब उसने उक्त नंबर पर कॉल किया तो 50 लीटर के ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए उससे 90,000 रूपये की मांग की गई।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता, आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया, ‘‘हमने तकनीकी निगरानी और स्थानीय खुफिया तंत्र की मदद से पवन को पकड़ा। उसके पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है। पूछताछ में पवन ने बताया कि वह कैट्स एम्बुलेंस सेवा के साथ दो साल से पैरामेडिक के तौर जुड़ा हुआ है।’’
पुलिस को पता चला है कि ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए पवन से कई लोगों ने संपर्क किया था। उसका पेटीएम अकाउंट जांचने पर पता चला कि उसे काफी पैसा मिला है।
अधिकारी ने बताया कि पवन के गोदाम पर छापेमारी की गई और वहां से दो ऑक्सीजन सिलेंडर, 32 पीपीई किट मिले और उसके घर से एक लाख रूपये बरामद हुए।