
नई दिल्ली। दुर्लभ रोग से पीड़ित दो भाइयों की ओर से दिल्ली उच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि उन्हें नि:शुल्क एवं निर्बाध उपचार देने के संबंध में वह केंद्र तथा एम्स को निर्देश दे। दो और तीन वर्ष आयु के दोनों बच्चे ‘म्युकोपोलिसेक्रिडोसिस’ से पीड़ित हैं। यह आनुवांशिक एवं दुर्लभ किस्म का रोग है जो मुख्यत: लड़कों को प्रभावित करता है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से कहा कि इन बच्चों को किस प्रकार से उपचार उपलब्ध कराया जा सकता है, इस बारे में वे आदेश प्राप्त करें और बताएं। इसके साथ ही अदालत ने मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 19 फरवरी तय की।
बच्चों के पिता रवि झवर ने दो अलग-अलग याचिकाएं दायर कर कहा था कि बच्चों के शरीर में सितंबर और दिसंबर 2019 में बदलाव आने लगे थे तथा उन्हें बोलने में भी दिक्कत होने लगी थी।
इसमें कहा गया कि अस्पतालों की ओर से उन्हें बताया गया कि इस रोग की कोई दवाई भारत में उपलब्ध नहीं है तथा अमेरिका और कोरिया की दो कंपनियां इनका निर्माण करती हैं। एक मरीज के उपचार का खर्च 80 लाख से एक करोड़ रुपये तक आता है तथा बच्चों के पिता के लिए यह खर्च वहन करना संभव नहीं है।