नई दिल्ली। वायु प्रदूषण के गंभीर हालात के बीच सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के मद्देनजर दिल्ली सरकार 1,000 निजी बसें किराये पर ले रही है और उसने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) से शहर में मेट्रो और बसों में यात्रियों के खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति मांगी है।
वर्तमान में कोविड-19 की रोकथाम के चलते मेट्रो और बसों को अपनी बैठने की 100 फीसदी क्षमता के साथ संचालन की अनुमति है लेकिन यात्रियों को खड़े होकर यात्रा की अनुमति नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि परिवहन विभाग ने डीडीएमए से बसों में यात्रियों को खड़े होकर भी यात्रा करने की अनुमति मांगी है।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शहर में 1,000 निजी बसे किराये पर लेने की घोषणा करते हुए ट्विटर पर लोगों से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘ वाहनों से होने वाले प्रदूषण को काबू करने के मद्देनजर दिल्लीवासियों से अनुरोध है कि वे निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।’
वहीं, भाजपा की दिल्ली इकाई ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने वादे के मुताबिक, दिल्ली को विश्व स्तरीय शहर बनाने के बजाय ‘धुंध से भरा शहर’ बना दिया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा, ‘ अगर केजरीवाल जिम्मेदारी नहीं उठा पा रहे हैं तो उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।’ गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण केजरीवाल सरकार की सबसे बड़ी विफलता है।