नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) द्वारा संचालित स्कूलों में विशेष शिक्षकों के 1,100 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती का अनुरोध दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) को नहीं भेजने पर नगर निकाय को फटकार लगाई और साथ में 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगा दिया।
न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने कहा कि अधिकारियों को ऐसे लोगों के प्रति काम करने को लेकर इच्छाशक्ति प्रदर्शित करनी चाहिए जिन्हें विशेष देखभाल की जरूरत है लेकिन उनका आचरण ऐसे व्यक्तियों के प्रति लापरवाही दर्शाता है।
अदालत ने कहा कि 18 दिसंबर 2020 को निगम को प्रक्रिया तेज करने तथा डीएसएसएसबी को रिक्त पदों पर भर्ती का तत्काल अनुरोध भेजने का निर्देश दिया गया था लेकिन चार हफ्ते से भी अधिक वक्त बीत जाने के बावजूद निगम ने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे कि प्रक्रिया शुरू की जा सके।
इसने कहा कि निगम पर पच्चीस हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है जिसका वह दो हफ्ते के भीतर याचिकाकर्ता को भुगतान करे। इसके साथ ही अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 10 फरवरी तय कर दी।
अदालत गैर सरकारी संगठन ‘सोशल ज्यूरिस्ट’ की दिल्ली सरकार, डीएसएसएसबी तथा दिल्ली नगर निगमों के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी।