नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल फरवरी में शहर के उत्तर पूर्वी हिस्से में हुए दंगों के मामले में गिरफ्तार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्रा एवं पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलीता की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
कलीता के खिलाफ सख्त गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने बृहस्पतिवार को पारित आदेश में कहा कि कलीता पर लगाए गए आरोप प्रथमदृष्ट्या सही साबित होते हैं।
पिंजरा तोड़ समूह का गठन 2015 में किया गया था, जिसका उद्देश्य बालिका छात्रावासों और पेइंग गेस्ट आवासों में छात्राओं के लिए पाबंदियां कम कराना है। कलीता को दंगों की पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) समर्थकों और इसका विरोध करने वालों के बीच पिछले साल फरवरी में साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। इसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 200 अन्य घायल हो गये थे।