नई दिल्ली। मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत सोमवार को 90वीं ट्रेन दिल्ली के 780 बुजुर्गों को लेकर रामेश्वरम के लिए रवाना हुई। इससे पहले, दिल्ली सरकार द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए त्यागराज स्टेडियम में भजन संध्या का आयोजन किया गया, जहां जाकर दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने तीर्थयात्रियों से मुलाकात की और उन्हें यात्रा टिकट और किट सौंपा।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने तीर्थयात्रा योजना के जरिए अब तक 89 ट्रेनों के जरिए 85 हजार से अधिक बुजुर्गों को देश के अलग-अलग तीर्थ स्थलों की यात्रा करा चुकी है और यह योजना आगे भी जारी रहेगी।
त्यागराज स्टेडियम में आयोजित भक्ति संध्या कार्यक्रम के दौरान तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि एक व्यक्ति अपना पूरा जीवन अपने परिवार की जिम्मेदारियों में खपा देता है। जब वह बुढ़ापे में प्रवेश करता है तो उसके मन में किसी तीर्थ स्थल का दर्शन करने की इच्छा होती है। हालांकि, कई बार लोगों के पास तीर्थयात्रा पर जाने के लिए समय का अभाव होता है तो कई बार साधन की कमी पड़ जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना की शुरूआत की, ताकि हमारे बुर्जुग जीवन में कम से कम एक बार तीर्थयात्रा पर जा सकें। मेरा मानना है कि दिल्ली के बुजुर्ग भाग्यशाली हैं, क्योंकि उन्हें अरविंद केजरीवाल जैसा मुख्यमंत्री मिला है, जो हर बुजुर्ग का अपने माता-पिता की तरह ख्याल रखते हैं।
राजस्व मंत्री ने कहा कि अरविंद केजरीवाल श्रवण कुमार की तरह दिल्ली के बुजुर्गों का बेटा बनकर उनके लिए तीर्थयात्रा की व्यवस्था कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत अब तक 89 ट्रेनों के जरिए 85 हजार से अधिक बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करा चुके हैं।
राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि आज यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि हर बार की तरह इस बार भी तीर्थयात्रा पर जाने वाले बुजुर्गों में 80 फीसद से अधिक महिलाएं हैं। यह बहुत बड़ी बात है। क्योंकि, हमारे समाज में महिलाएं हमेशा अपने परिवार की जिम्मेदारियों को अपनी जरूरतों से ऊपर रखती हैं और अपना पूरा जीवन परिवार की सेवा में खपा देती हैं। यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि जिन माताओं ने अपना पूरा जीवन अपने परिवारों को समर्पित कर दिया, उन्हें जीवन के इस पड़ाव पर तीर्थयात्रा पर जाने का अवसर मिल रहा है।
राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने अब तक दिल्ली से 89 ट्रेनों के माध्यम से 85 हजार से अधिक बुजुर्गों को तीर्थयात्रा पर भेजा है। उन्होंने कई अड़चनों के बावजूद दिल्ली के बुजुर्गों की तीर्थयात्रा रुकने नहीं दी। सीएम अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि दिल्ली के हर बुजुर्ग को कम से कम एक बार तीर्थयात्रा का अवसर अवश्य मिले।
सभी तीर्थयात्रियों को तीर्थयात्रा शुरू करने से पहले भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्ति संध्या का आयोजन किया गया। इससे तीर्थयात्रियों के बीच यात्रा के दौरान एक-दूसरे से मेल-जोल भी बढ़ेगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भगवान के साथ गहरा संबंध स्थापित करना और इस पवित्र यात्रा के लिए आध्यात्मिक रूप से तैयार करना भी था। इस दौरान तीर्थयात्रियों को यात्रा टिकट और आवश्यक सामग्री की किट बांटी गई।
रामेश्वरम की यह यात्रा 8 दिनों में पूरी होगी। सफदरजंग रेलवे स्टेशन से ट्रेन रामेश्वरम के लिए रवाना हुई। दो दिन की यात्रा के बाद ट्रेन अगले दिन सुबह रामेश्वरम पहुंचेगी। सभी तीर्थयात्री रामेश्वरम मंदिर के दर्शन करेंगे और अगले दिन मीनाक्षी मंदिर के दर्शन करेंगे। मीनाक्षी मंदिर के दर्शन करने के बाद सभी तीर्थयात्री दिल्ली के लिए रवाना होंगे और ढाई दिन की यात्रा के बाद आठवें दिन दिल्ली आ जाएंगे।
राजस्व मंत्री आतिशी ने आगे कहा कि इस योजना के तहत केजरीवाल सरकार यात्रियों को एसी ट्रेनों से भेजती है, एसी होटल में ठहराती है और भोजन की व्यवस्था करती है। साथ ही, यह सुनिश्चित करती है कि यात्रा के दौरान बुजुर्गों को किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। दिल्ली सरकार की एक टीम भी उनके साथ जाती है, ताकि जरूरत पड़ने पर बुजुर्ग तीर्थयात्रियों को जरूरत पड़ते पर सुविधाएं दी जा सके।
मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत दिल्ली सरकार अपने बुजुर्गों को रामेश्वरम, द्वारकाधीश, सोमनाथ, नागेश्वर, जगन्नाथ पुरी, उज्जैन में बाबा महाकाल, शिरडी साईं बाबा, तिरूपति बालाजी, अयोध्या, माता वैष्णो देवी, पुष्कर, फतेहपुर सीकरी, अमृतसर में स्वर्ण मंदिर, करतारपुर साहिब, मथुरा-वृंदावन और हरिद्वार समेत अन्य तीर्थ स्थलों पर यात्रा पर भेजती है।
इस तीर्थयात्रा योजना का लाभ लेने के लिए तीर्थयात्री ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करते हैं। दिल्ली सरकार तीर्थयात्रियों को घर से रेलवे स्टेशन तक लाने और यात्रा से वापस आने पर उनके घर तक पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था करती है। साथ ही, उनके रहने, खाने समेत यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की सहूलितों और सुविधाओं का ख्याल रखती है। इस दौरान हर यात्री को आवश्यक सामग्री की एक किट भी दी जाती है।