ब्रिटेन से आए परिवार को HC ने होम आइसोलेशन में भेजा, दिल्ली सरकार को दिए निर्देश

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दिल्ली Updated On :

नई दिल्ली। ब्रिटेन से लौटने के बाद कोरोना जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं होने के बाद भी सात दिन के संस्थागत पृथक-वास में रह चुके एक परिवार के 4 सदस्यों को दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को सात दिन के होम आइसोलेशन में भेज दिया। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार के दिशा निर्देशों में विरोधाभास था।

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने यह निर्देश जारी करते हुए कहा कि ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के पृथक-वास के बारे में “विरोधाभासी” अधिसूचनाओं में “स्पष्टता नहीं थी।” कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से अपनी वेबसाइट पर मानक संचालन प्रक्रिया प्रदर्शित करे ताकि यात्रियों को असमंजस की स्थिति का सामना नहीं करना पड़े।

दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों में विरोधाभास के मद्देनजर यह निर्देश जारी किया गया। केंद्र सरकार ने कहा कि दिशा निर्देशों के अनुसार, ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों की जांच में यदि कोरोना की पुष्टि नहीं होती है तो उन्हें केवल 14 दिन के गृह पृथक-वास में रहना होगा और संस्थागत पृथक-वास जरूरी नहीं है।

वहीं, दिल्ली सरकार ने कहा कि 29 जनवरी को केंद्र सरकार की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, कोरोना के मरीज के पास बैठने वाले प्रत्येक यात्री को संस्थागत पृथक-वास में जाना होता है। अदालत ने कहा, यह सभी अधिसूचनाएं विरोधाभासी हैं और स्पष्ट नहीं है। यह भी स्पष्ट नहीं यही कि केंद्र सरकार की ओर से 29 जनवरी को जारी मानक संचालन प्रक्रिया लागू है या नहीं।

अदालत ने कहा, चूंकि मानक संचालन प्रकिया स्पष्ट नहीं है और याचिकाकर्ताओं के परिवार में 10 वर्ष से कम उम्र के दो नाबालिग बच्चे हैं इसलिए वह संस्थागत पृथक-वास की बजाय होम आइसोलेशन में रहेंगे। उन्हें पृथक-वास के नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।

याचिका में कहा गया था कि ब्रिटेन में विमान में सवार होने से पहले परिवार ने कोरोना जांच कराई थी और उन्हें उड़ान के लिए ‘फिट’ होने का प्रमाण पत्र दिया गया था। दिल्ली आने के बाद उनकी दोबारा जांच हुई जिसमें कोरोना की पुष्टि नहीं हुई। इसके बावजूद उन्हें उनके खर्च पर पांच सितारा होटल में संस्थागत पृथक-वास में रखा गया।



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