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नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर एंड डिलिवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम 2023 की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही दिल्ली अब एप आधारित कैब और डिलिवरी सेवा प्रदान करने वाले वाहनों को एक निश्चित समय के अंदर इलेक्ट्रिक में बदलने का लक्ष्य निर्धारित करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। दिल्ली के अंदर काम करने वाले ऑपरेटर्स को अब अधिसूचना जारी होने के 90 दिनों के अंदर लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा। लाइसेंस प्राप्त करने वाले ऑपरेटर्स को चरणबद्ध तरीके से अपने वाहन बेड़े को 2030 तक सौ फीसद इलेक्ट्रिक में बदलना होगा। अगर स्कीम के अंतर्गत नियमों का उल्लंघन पाया जाता है तो एग्रीगेटर्स और सेवा प्रदाताओं के ऊपर 5 हजार से एक लाख रुपए दंड का प्रावधान किया गया है।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “दिल्ली में एग्रीगेटर्स को लाइसेंस देने और विनियमित करने की लंबे समय से आवश्यकता रही है। यह भारत में पहली बार है कि एग्रीगेटर दिशानिर्देशों में इन ऑपरेटरों के लिए चरणबद्ध विद्युतीकरण लक्ष्य भी परिभाषित किए गए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कुशल नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने हमेशा दिल्ली को स्वच्छ और प्रदूषणरहित शहर बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं। यह पहली बार है कि हम शहर में बाइक टैक्सियों को चलाने की अनुमति दे रहे हैं। कुल मिलाकर, यह योजना दिल्ली के नागरिकों की सार्वजनिक सुरक्षा और सुविधा बढ़ाने की दिशा में एक कदम है और इसमें वाहन की सफाई, चालक व्यवहार और ग्राहकों की शिकायतों के समय पर समाधान पर दिशानिर्देश शामिल हैं।”
योजना की मुख्य विशेषताएं
सस्टेनेबल मोबिलिटी: योजना के अंतर्गत सेवा प्रदाताओं को वायु प्रदूषण को कम करने और ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ाने के लिए अपने बेड़े को इलेक्ट्रिक में चरणबद्ध रूपांतरित करना होगा। दिल्ली में सभी एग्रीगेटर्स का पूरा बेड़ा 2030 तक इलेक्ट्रिक हो जाएगा।
इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी: योजना अंतर्गत सभी एग्रीगेटर्स को केवल इलेक्ट्रिक वाहन बाइक टैक्सी संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही उन्हें योजना में निर्दिष्ट सभी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
सेवा गुणवत्ता मानक: योजना में सेवा गुणवत्ता के लिए सख्त मानक स्थापित किए गए हैं । इसमें वाहन की साफ-सफाई, ड्राइवर का व्यवहार और ग्राहकों की शिकायतों का समय पर समाधान शामिल है।
सार्वजनिक सुरक्षा: इस योजना में यात्रियों की सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया गया है। यह योजना दिल्ली में संचालित एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं या ई-कॉमर्स संस्थाओं पर लागू होती है। इसमें वैसी सेवा प्रदाताओं को शामिल किया जाएगा जिनके बेड़े में 25 या अधिक मोटर वाहन (2 पहिया, 3 पहिया और 4 पहिया, बसों को छोड़कर) हैं और जो ऐप या वेब पोर्टल जैसे डिजिटल मध्यस्थ का उपयोग उपभोक्ताओं से जुड़ने के लिए करते हैं।
लाइसेंस: सभी मौजूदा या नए ऑपरेटरों को योजना की अधिसूचना के 90 दिनों के भीतर या परिचालन शुरू करने से पहले लाइसेंस प्राप्त करना होगा। लाइसेंस पांच साल के लिए वैध होगा, जिसमें वार्षिक शुल्क लागू होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके अतिरिक्त, दो वर्ष से कम पुराने वाहनों के लिए 50% की छूट का प्रावधान है।
पेनाल्टी: इस स्कीम में योजना अनुपालन का सख्त प्रावधान है। नियम उल्लंघन पर 5,000 से 100,000 रुपए दंड का प्रावधान है।