आंतरिक शिकायत समिति राजधानी महाविद्यालय द्वारा काव्यांजलि

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दिल्ली Updated On :

नई दिल्ली। रचनात्मक लेखन सोसाइटी के सहयोग से 14 अप्रैल 2023 को लिंग संवेदनशीलता विषयक एक सेमिनार का आयोजन करवाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई जिसमें मुख्य वक्ता रेनू देशवाल, डॉ. शिवानी वर्मा, काव्यांजलि की संयोजिका डॉ. वर्षा गुप्ता, प्रधानाचार्य, प्रो. राजेश गिरी उपस्थित रहे। इसके बाद पादप एवं उपहार भेंट करते हुए अतिथियों का स्वागत किया गया।

इसके बाद प्रधानाचार्य प्रोफेसर राजेश गिरी को वक्तव्य के लिए आमंत्रित किया गया। प्रो. राजेश गिरी ने संवेदनशीलता के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “संवेदनशीलता सिनसियरिट से सम्बन्धित है एवं यह समावेशी है। बाद में उन्होंने देश को बेहतर बनाने के लिए संवेदनशील बनने की कोशिश कर रहे युवाओं से अपील की। “आत्मनिरीक्षण भी महत्वपूर्ण है; सोशल मीडिया का इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए।”

इसके बाद मुख्य वक्ता आंतरिक शिकायत समिति की प्रेसिडिंग ऑफीसर डॉ. रेनू देशवाल का संक्षिप्त विवरण देते हुए उन्हें वक्तव्य के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में सामान्य रूप से संवेदनशीलता के बारे में बात की और कहा की कि कैसे एक एकल आवेश सामाजिक परिवर्तन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए लैंगिक असमानता की बात की कि कैसे धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। प्रोफेसर रेणु देशवाल ने सामूहिक बलात्कार की एक कहानी साझा करके बताया कि कैसे आंतरिक शिकायत समिति अस्तित्व में आई। उन्होंने महिलाओं के लिए यौन उत्पीड़न से बचने के लिए बनाए गए नियमों और फर्जी शिकायतों के लिए बनाए गए नियमों का भी जिक्र किया।

इसके बाद आंतरिक शिकायत समिति की कानूनी सलाहकार डॉ शिवानी वर्मा को मंच पर आमंत्रित किया गया। उन्होंने आंतरिक शिकायत समिति को इस तरह के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया एवं समाज में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कानून के महत्व की बात की। उन्होंने लैंगिक कानून के बारे में भी बात की,जो कि बगैर लैंगिक भेदभाव के,छात्रों के हित में है। इसके पश्चात विद्यार्थियों द्वारा दोनों वक्ताओं से विभिन्न विभिन्न प्रश्न पूछे गए जिसका शांतिपूर्वक जवाब देते हुए वक्ताओं ने उन्हें संतुष्ट किया। इस सत्र से छात्रों को कई चीजों के बारे में पता चला है। इसके बाद सोसायटी की संयोजिका प्रो. वर्षा गुप्ता ने दोनों वक्ताओं का धन्यवाद किया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि स्वयं के लिए खड़ा होना कितना आवश्यक है। अंततः उन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार जताया।
इसके बाद काव्यांजलि रचनात्मक लेखन सोसायटी द्वारा रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता और एक ब्लैकआउट कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

प्रतियोगिताओं की शुरुआत काव्यांजलि के पूर्व छात्रों के सम्मान के साथ हुई। एंकर शैलेंद्र ने सभी प्रतिभागियों को प्रतियोगिता के नियम समझाए। प्रतिभागियों द्वारा विविध विषयों पर अत्यंत आकर्षक कविताएं सुनाई गई जिसके पश्चात निर्णयको ने उन कविताओं पर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की। डॉ. रवींद्र के दास ने लिपियों के महत्व के बारे में बात की और बताया कि कैसे सोशल मीडिया हमारी लिपियों को नष्ट कर रहा है। बाद में उन्होंने इस बारे में भी बात की कि कैसे समय का दबाव हमारे लेखन को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि पुरस्कार पाने से ज्यादा भागीदारी मायने रखती है। ब्लैकआउट कविता का परिणाम डॉ. अक्षिता एवं रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता का परिणाम डॉ भारती शर्मा और डॉ वेद मित्र शुक्ला द्वारा घोषित किया गया। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। एंकर देवकी ने सभी को धन्यवाद दिया। शिक्षकों, विजेताओं और सोसायटी के सदस्यों की एक समूह तस्वीर के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।