रविवार को कांस्टीट्यूशन क्लब में होगा मधु लिमये शताब्दी वर्ष का समापन समारोह


आयोजन समिति संयोजक मंडल के सदस्य प्रोफेसर आनन्द कुमार, हरभजन सिंह सिद्धू, विजय प्रताप, रमाशंकर सिंह, शाहनवाज कादरी, श्रीमती मंजू मोहन, डॉ सुनीलम, श्याम रजक ने मधु लिमये के प्रति श्रद्धावान देशवासियों को आयोजन में सम्मिलित होने का आग्रह किया है।


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दिल्ली Updated On :

नई दिल्ली। भारतीय समाजवाद के स्तंभ, प्रखर सांसद और डा . राममनोहर लोहिया के अनुयायी मधु लिमये के जन्मशताब्दी वर्ष का समापन समारोह 30 अप्रैल को दोपहर दो बजे से नई दिल्ली के रफ़ी मार्ग स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित किया जायेगा।

आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर राजकुमार जैन ने बताया कि समारोह में मधु लिमये के सहयोगी रहे सोशलिस्ट साथियों को सम्मानित किया जायेगा व विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष प्रतिनिधि व बुद्धिजीवीगण मधु लिमये के व्यक्तित्व- कृतित्व व उनके समय को याद करेंगे।
समारोह की शुरुआत पं कुमार गंधर्व की सुपुत्री विदुषी कलापिनी कोमकली के गायन से होगी।

विभिन्न राज्यों के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में होने जा रहे इस आयोजन में कवि-संस्कृतिकर्मी व जन- बुद्धिजीवी अशोक वाजपेयी, पत्रकार- सम्पादक शुभव्रत भट्टाचार्य, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल, जदयू नेता केसी त्यागी, भाकपा ( माले) महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, सीपीआई नेता सैय्यद अजीज़ पाशा, रालोद नेता जयन्त चौधरी, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित, राजद नेता मनोज झा, आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह व इनेलो नेता अभय चौटाला का वक्तव्य होगा।

इस अवसर पर मधु लिमये के सुपुत्र अनिरुद्ध लिमये विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। आयोजन समिति ने मधु लिमये जी को योगदान को रेखांकित करने के लिए जो प्रशस्ति तैयार की है उसे वे ग्रहण करेंगे। भारत में सोशलिज़म की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए रावेला सोमैया ( हैदराबाद) , डॉ जी जी पारिख ( मुम्बई) , विजय नारायण सिंह ( बनारस) , राजनीति प्रसाद सिंह ( पटना) , कल्याण जैन ( इन्दौर) , सरदार जयपाल सिंह दुगल, व जयवंत रामचंद्र भोंसले को सम्मानित किया जायेगा।

आयोजन समिति संयोजक मंडल के सदस्य प्रोफेसर आनन्द कुमार, हरभजन सिंह सिद्धू, विजय प्रताप, रमाशंकर सिंह, शाहनवाज कादरी, श्रीमती मंजू मोहन, डॉ सुनीलम, श्याम रजक ने मधु लिमये के प्रति श्रद्धावान देशवासियों को आयोजन में सम्मिलित होने का आग्रह किया है।

उल्लेखनीय है कि मधु लिमये की स्वतंत्रता संग्राम में तो भूमिका रही ही, गोवा को आजाद कराने के लिए जेल गये। समाजवादी नायक डॉ राममनोहर लोहिया के अनुयायी मधु लिमये के संसदीय कार्यकाल को भारतीय संसद के स्वर्णिम कालखंड के रूप में जाना जाता है।आपातकाल में वे मध्यप्रदेश की नरसिंहगढ़ जेल में बंद रहे। उस समय संसद का कार्यकाल बढ़ाये जाने पर मधु लिमये ने संसद की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। सौ से अधिक पुस्तकें उन्होंने लिखीं जिनमें भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन से लेकर देश की समस्याओं व उनके समाधान की चर्चा है।