विश्वास प्रस्ताव से पहले मार्शल ने भाजपा विधायकों को सदन से किया बाहर

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने से पहले विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों को सोमवार को सदन से बाहर कर दिया गया।

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने से पहले विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों को सोमवार को सदन से बाहर कर दिया गया।

भाजपा के विधायक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने और सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट, आबकारी नीति सहित विभिन्न मुद्दों पर संक्षिप्त चर्चा की मांग कर रहे थे।

विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिरला द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की मांग खारिज किए जाने के बाद भाजपा विधायक सदन में आसन के सामने आ गए। बिरला ने इसके बाद उन्हें पूरे दिन के लिए सदन से बाहर जाने को कहा और बाद में उन्हें मार्शल की मदद से बाहर निकाला गया।

बिरला ने विधानसभा में कहा, ‘‘ विधानसभा सत्र गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाया गया है। विपक्षी दल के सदस्यों ने सदन का सम्मान नहीं किया और ऐसे में उन्हें मार्शल की मदद से बाहर निकलवाना पड़ा।’’

इसके बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में सोमवार को विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी दल का उनकी सरकार को गिराने का ‘ऑपरेशन लोटस’ विफल हो गया है, क्योंकि वह आप के किसी विधायक को नहीं तोड़ पाई।

उन्होंने दावा किया कि आप (आम आदमी पार्टी) कर हर एक विधायक ‘‘बेहद ईमानदार’’ है।

रोहिणी से भाजपा के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट पर उन्होंने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की मांग की थी।

गुप्ता ने विधानसभा के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘ उन्होंने (आप) ढाई साल तक रिपोर्ट को दबाया और इसमें केंद्र का कोई हाथ नहीं था। अब, जब वह सबके सामने आ गई है, वे कह रहे हैं कि हम राजनीति कर रहे हैं। हमें बाहर निकाल दिया गया क्योंकि सरकार मौजूदा भ्रष्टाचार के मामलों पर चर्चा से बचने की कोशिश कर रही है।’’

उन्होंने कहा कि ‘आप’ सरकार ना खुद भ्रष्टाचार पर बात करना चाहती है और ना ही विपक्ष को यह मुद्दा उठाने देना चाहती है।

गुप्ता ने कहा, ‘‘ यह स्पष्ट है कि कक्षाओं के निर्माण में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ। वह एक गोपनीय रिपोर्ट थी, जिसे उन्होंने 2020 से सामने नहीं आने दिया।’’

विश्वास प्रस्ताव पर गुप्ता ने कहा कि इसका कोई मतलब नहीं बनता क्योंकि दिल्ली में 70 में से 62 विधायक ‘आप’ के हैं।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि ‘आप’ सरकार भ्रष्टाचार जैसे कई मुद्दों पर चर्चा से दूर भाग रही है।

बिधूड़ी ने कहा, ‘‘ पिछले ढाई साल में, जब से मैं इस सदन का सदस्य हूं दिल्ली सरकार ने आबकारी से लेकर प्रदूषण तक कई मुद्दों पर चर्चा नहीं होने दी। आप विपक्ष की आवाज क्यों दबा रहे हैं? हमने हमेशा कहा है कि हम रचनात्मक आलोचना करेंगे, फिर भी आप चर्चा की अनुमति नहीं देते।’’

विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए केजरीवाल ने कहा कि विपक्ष के सदस्य चर्चा नहीं करना चाहते, वे केवल नौटंकी करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह बेहद दुखद है कि वे (भाजपा के विधायक) ओछी राजनीति कर रहे हैं।’’

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उसके 40 विधायकों को उनके साथ आने के लिए 20-20 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया था।

वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए केजरीवाल पर राजनीतिक प्रचार के लिए विधानसभा का इस्तेमाल करने तथा अपनी सरकार के शराब ‘‘घोटाले’’ से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए नाटक करने का आरोप लगाया। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप के 62 और भाजपा के आठ विधायक हैं।

First Published on: August 29, 2022 7:18 PM
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