राज्यसभा में कुपोषण, दिल्ली NCR में प्रदूषण पर सदस्यों ने जताई चिंता

भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शून्यकाल में बच्चों एवं महिलाओं में कुपोषण का मामला उठाते हुए कुपोषण उन्मूलन मिशन आरंभ करने और एक स्वतंत्र कुपोषण उन्मूलन प्राधिकरण गठित करने की मांग की।

नई दिल्ली। राज्यसभा में बृहस्पतिवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने बच्चों एवं महिलाओं में कुपोषण, दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर छात्रों में बढ़ते तनाव जैसे मुद्दों को उठाते हुए इन पर चिंता जताई गई और सरकार से इनके समाधान की दिशा में समुचित कदम उठाने की मांग की।

भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शून्यकाल में बच्चों एवं महिलाओं में कुपोषण का मामला उठाते हुए कुपोषण उन्मूलन मिशन आरंभ करने और एक स्वतंत्र कुपोषण उन्मूलन प्राधिकरण गठित करने की मांग की।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण और समन्वित बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ये कुपोषण की गंभीर स्थिति को बयान करते हैं।

उन्होंने कहा कि कुपोषण कोई बीमारी नहीं बल्कि सामाजिक समस्या है ओर इससे निपटने के लिए सोच में बदलाव की जरूरत है।

सिंधिया ने राष्ट्रीय कुपोषण उन्मूलन अभियान चलाने का सुझाव देते हुए इसमें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, ग्रामाीण विकास मंत्रालय, जल शक्ति और आयुष मंत्रालय सहित कुछ मंत्रालयों को शामिल करने की मांग की।

उन्होंने लक्ष्य निर्धारित कर जिला स्तर पर इस दिशा में काम करने का सुझाव दिया और सरकार से एक स्वतंत्र कुपोषण उन्मूलन प्राधिकरण स्थापित करने की मांग की।

उन्होंने कहा, ‘‘कुपोषण पर नियंत्रण करने के लिए हमें जमीनी स्तर पर मिशन मोड में काम करना होगा।’’

राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कोरोना के मद्देनजर देश भर में लगाए गए लॉकडाउन के कारण शिक्षा से वंचित रहे प्राथमिक और उच्च विद्यालयों के गरीब छात्रों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस वजह से कई छात्रों ने आत्महत्या तक कर ली तो कई अवसाद में चले गए।

उन्होंने कहा कि इस दौरान ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन किया गया लेकिन स्मार्टफोन या टैबलेट ना हो पाने और इंटरनेट के अभाव में कई छात्रों को शिक्षा से वंचित होना पड़ा। उन्होंने ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने की स्थिति में गरीब छात्रों के लिए वाईफाई सुविधायुक्त स्थानीय सामुदायिक केंद्रों की व्यवस्था करने का सुझाव दिया।

कोविड-19 की वर्तमान लहर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे पहले कि छात्र अवसाद में जाए और स्थितियां गंभीर हो, केंद्र सरकार को सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक बुलानी चाहिए ताकि गरीब छात्रों की शिक्षा प्रभावित ना हो।

भाजपा के डी पी वत्स और शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति पर चिंता जताई और इस दिशा में गंभीर कदम उठाने का आह्वान किया।

वत्स ने कहा कि दिल्ली विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी है और देश के 30 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में 22 शहर एनसीआर क्षेत्र के हैं।

वत्स ने इस दिशा में गंभीर कदम उठाने की मांग की जबकि चतुर्वेदी ने कहा कि स्थिति बहुत चिंताजनक है और पर्यावरण मंत्री को इस विषय पर बोलना चाहिए।

राष्ट्रीय जनता दल के एक सदस्य ने परमार्थ (चैरिटेबल)शैक्षणिक संस्थानों को आय कर की तर्ज पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से मुक्त करने की मांग उठाई।

उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान इस मामले को उठाते हुए राजद के अहमद अशफाक करीम ने कहा कि परमार्थ शैक्षणिक संस्थान आय कर से मुक्त है लेकिन ऐसे संस्थानों पर भवन निर्माण और अवसंरचना विकास पर जीएसटी का बोझ पड़ता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे संस्थानों को इनपुट टैक्स क्रेडिट भी नहीं मिलता। इसका फायदा परमार्थ शैक्षणिक संस्थानों को ना होकर सीधे बिल्डर और सामग्री आपूर्ति करने वालों का मिलता है। इसलिए मेरा सरकार से आग्रह है कि आयकर की तरह शैक्षणिक संस्थाओं को भी जीएसटी से मुक्त किया जाना चाहिए।

First Published on: March 18, 2021 3:12 PM
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