नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को उच्च न्यायालय में सुझाव दिया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगे से जुड़े मामले में गिरफ्तार किये गये जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को चार दिसंबर से शुरू हो रही परीक्षाओं में शामिल होने के लिए गेस्ट हाउस में रखा जाए।
पुलिस ने तन्हा की अंतरिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए यह सुझाव दिया। तन्हा ने अनुरोध किया है कि उसे अंतरिम जमानत दी जाए ताकि वह चार से सात दिसंबर तक परीक्षा दे पाए।
निचली अदालत ने उसे बीए फारसी (स्नातक) की पूरक परीक्षाओं में शामिल होने के लिए चार, पांच और सात दिसंबर के लिए तीन दिन की हिरासत पैरोल दी थी।
हालांकि, तन्हा के वकील ने कहा कि हिरासत पैरोल में पूरा दिन बर्बाद चला जाएगा और वह पढ़ नहीं पाएगा, इसलिए उसने अंतरिम जमानत मांगी है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने पुलिस से बृहस्पतिवार को उन्हें तन्हा के लिए परीक्षा केंद्र के पास गेस्ट हाउस के इंतजाम करने के बारे में बताने को कहा।
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने अंतरिम जमानत अर्जी का विरोध किया और कहा कि आरोपी जेल में तो पढ़ ही रहा है और जेल में पाठ्य सामग्री की कमी की कोई शिकायत भी नहीं है।
उनका कहना था कि जेल में बड़ी संख्या में ऐसे कैदी हैं जो पढ़ते भी हैं। उनका सुझाव था कि उसे चार दिनों के लिए परीक्षा केंद्र के समीप गेस्ट हाउस में रखा जाए और सुरक्षा अधिकारी गेस्ट हाउस की चौकसी करेंगे।
तन्हा को दंगे की पूर्व नियोजित साजिश का कथित रूप से हिस्सा होने को लेकर इस मामले में 19 मई को गिरफ्तार किया गया था।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों एवं विरोधियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को सांप्रदायिक दंगे भड़क गये थे, जिसमें कम से कम 53 लोग मारे गये और करीब 200 लोग घायल हुए थे।