दो वर्ष से देश के सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद पड़े हैं जिससे शिक्षा के स्तर में काफी गिरावट आयी है। कोरोना के घटते आंकड़ों के बीच दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी यानी डीडीएमए दिल्ली में स्कूल-कॉलेज खोलने की इजाजत दे चुका है। हालांकि कॉलेजों का कहना है कि स्थिति का पूरी तरह आकलन करने के उपरांत ही ऑफलाइन कक्षाएं शुरू की जाएंगी। विश्वविद्यालयों के इस रवैये से छात्र संगठन और अधिकांश शिक्षक नाराज हैं। छात्रों का कहना है कि अब ऑफलाइन कक्षाएं क्यों शुरू नहीं की जा रही। इसके विरोध में सोमवार को छात्रों ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय में पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने अभी अपने कॉलेजों को खोलने के लिए किसी तरह का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है, जबकि अधिकांश छात्र संगठन कैंपस खोलने की मांग कर रहे हैं। एबीवीपी, आइसा सहित कई छात्र संगठनों ने सोमवार को डीयू नॉर्थ कैंपस में आर्ट फैकल्टी के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया छात्रों ने बैरि॑केड् तोड़ कर वीसी ऑफिस के बाहर नारेबाजी की जिसके बाद पुलिस ने माइक से आश्वासन दिया की वह जल्द वीसी से उनकी मुलाकात कराएंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय समेत जामिया और जेएनयू जैसे विश्वविद्यालयों के छात्रों का कहना है कि लंबे समय से बंद पड़े कॉलेज एवं विश्वविद्यालय परिसरों अब तुरंत खोला जाए। छात्रों का कहना है कि कक्षाओं में छात्रों को प्रवेश मिले और डिजिटल यूनिवर्सिटी के माध्यम से हो रही पढ़ाई बहुत अधिक कारगर नहीं है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा कि प्रत्येक कॉलेज इकाई सात फरवरी को दिल्ली विश्वविद्यालय के हर कॉलेज के प्राचार्यों को ज्ञापन सौंपकर कॉलेजों को तत्काल प्रभाव से खोलने की मांग करेगी। साथ ही 8 फरवरी को दक्षिणी परिसर में पूरे दिन का धरना करेगी। दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में 9 फरवरी को अकादमिक काउंसिल की मीटिंग के बाहर प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराएगी। एबीवीपी का कहना है कि कैंपस खुलवाने के साथ-साथ हॉस्टल में छात्रों को तुरंत अनुमति देना, लाइब्रेरी खोलना, पीएचडी दाखिला में पारदर्शिता, फीस में बढ़ोतरी और परीक्षा परिणाम से संबंधित विषयों को लेकर आंदोलन करेगी।
वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का यह भी कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय को फिर से खोला जाए। ऐसा न होने पर वे व्यापक आंदोलन करेंगे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपनी लम्बे समय से चल रही कैम्पस को खुलवाने की लड़ाई को और मजबूत करने का निर्णय लिया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय का कहना है कि अभी तुरंत विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों को खोलने का फैसला नहीं लिया जा सकता। विश्वविद्यालय प्रशासन ने तर्क दिया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में 70 फीसदी छात्र दिल्ली के बाहर से हैं। जिन्हें कॉलेज खोलने खोले जाने से पहले सूचित करना आवश्यक है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक अभी स्थिति की समीक्षा की जाएगी और कॉलेज खोलने से पहले कम से कम छात्रों को 15 दिन पहले बताया जाएगा। जिससे कि वह कॉलेज समय से आ सकें। विश्वविद्यालय प्रशासन का यह भी कहना है कि कॉलेजों को ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने केलिए काफी तैयारी भी करनी पड़ेगी।