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नई दिल्ली। 15 फरवरी की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक दर्दनाक भगदड़ की घटना हुई, जिसमें करीब 30 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. ये घटना उस समय हुई जब प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हुई और स्टेशन पर अफरातफरी का माहौल बन गया. आरपीएफ (RPF) ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है और कई स्टेटमेंट्स इकट्ठे किए हैं।
आरपीएफ की रिपोर्ट के अनुसार घटना के समय रेलवे के अलग-अलग डिपार्टमेंट के करीब 300 कर्मचारी स्टेशन पर मौजूद थे, जिनमें 80 से ज्यादा आरपीएफ (RPF) के जवान भी शामिल थे। कुल 400 से ज्यादा स्टेटमेंट्स इकट्ठे किए गए हैं, जिन्हें जांच कमेटी की ओर से क्रॉस-चेक किया जाएगा। इस जांच के परिणामों के आधार पर घटना की वजह का पता लगाया जाएगा।
आरपीएफ के नई दिल्ली पोस्ट के इंचार्ज इंस्पेक्टर के मुताबिक शिवगंगा एक्सप्रेस के प्लेटफॉर्म 12 से रवाना होने के बाद प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ गई, जिससे फुट ओवर ब्रिज 2 और 3 पर जाम लग गया। इस वजह से प्लेटफॉर्म 12-13, 14-15 और 16 पर यात्री फंस गए। बाद में स्टेशन डाइरेक्टर को प्लेटफॉर्म टिकट बेचने से मना किया गया।
लगभग 8:45 बजे एक अनाउंसमेंट की गई कि कुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म 12 से जाएगी, लेकिन इसके कुछ ही समय बाद ये अनाउंसमेंट बदली गई और कहा गया कि ट्रेन प्लेटफॉर्म 16 से जाएगी। इस बदलाव की वजह से यात्री भ्रमित हो गए और भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। प्लेटफॉर्म 14 पर मगध एक्सप्रेस और प्लेटफॉर्म 15 पर उत्तर संपर्क क्रांति ट्रेन खड़ी थी और यात्रियों के लिए आगे पीछे होना मुश्किल हो गया।
यात्री सीढ़ियों से फुट ओवर ब्रिज 2 और 3 पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे, जबकि नीचे उतरने के प्रयास में यात्री धक्का-मुक्की का शिकार हो गए, जिसके परिणामस्वरूप कुछ यात्री गिरकर घायल हो गए। घायलों को तुरंत RML, LNJP और लेडी हार्डिंग अस्पताल भेजा गया, जहां इलाज के दौरान 30 में से 20 यात्रियों की मृत्यु की खबर सामने आई। आरपीएफ की रिपोर्ट में इस घटना को लेकर अब जांच जारी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।