
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पटना में गंगा के डूब क्षेत्रों में अनधिकृत एवं अवैध निर्माण और अन्य स्थायी अतिक्रमणों संबंधी याचिका खारिज करने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, केंद्रीय जल आयोग एवं अन्य को नोटिस जारी किए।
पटना निवासी अशोक कुमार सिन्हा ने डूब क्षेत्रों में अवैध निर्माण और स्थायी अतिक्रमण के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे एनजीटी ने 30 जून, 2020 में खारिज कर दिया था। सिन्हा ने एनजीटी के इस आदेश के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की।
याचिका में दावा किया गया है कि अधिकरण ने पटना में गंगा के डूब क्षेत्रों का अतिक्रमण करने वाले उल्लंघनकर्ताओं संबंधी जानकारी देने वाली याचिका की विस्तृत समीक्षा नहीं की।