सिंघू बार्डर प्रदर्शनस्थल पर दो सप्ताह बाद बहाल हुआ “अस्थायी विद्यालय”


सिंघु बॉर्डर पर दिसंबर के पहले सप्ताह में यह स्कूल शुरू किया था। वहां 170 से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे थे। लेकिन गणतंत्र दिवस पर तनावपूर्ण स्थिति के चलते हमने 24 जनवरी को उसे बंद कर दिया। उसे बाद में इस शुक्रवार को बहाल किया गया।


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दिल्ली Updated On :

नई दिल्ली। तीन नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रदर्शनस्थलों में एक सिंघू बार्डर पर एक अस्थायी अनौपचारिक विद्यालय दो सप्ताह के अवकाश के बाद कम बच्चों के साथ शुरू हो गया। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के तनावपूर्ण स्थिति के चलते अब बच्चे कम हैं।

पंजाब के आनंदपुर साहिब के किसानों के एक समूह ने उन स्कूली बच्चों के लिए अस्थायी टेंट में विद्यालय शुरू किया था जो सिंघू बार्डर पर अपने प्रदर्शनकारी अभिभावकों के साथ हैं। इस स्कूल में आसपास के झुग्गी बस्ती के बच्चे भी आते हैं।

लेखक बीर सिंह और वकील दिनेश चड्ढा द्वारा शुरू किया गया यह अस्थायी स्कूल प्रदर्शन स्थल पर चलायी जा रही विभिन्न सेवाओं में एक है। पंजाब के रूपनगर जिले के सुखविंदर सिंह बरवा ने कहा कि उन्होंने पांच फरवरी को कक्षाएं बहाल कर दीं ।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने दिसंबर के पहले सप्ताह में यह स्कूल शुरू किया था। वहां 170 से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे थे। लेकिन गणतंत्र दिवस पर तनावपूर्ण स्थिति के चलते हमने 24 जनवरी को उसे बंद कर दिया। उसे बाद में इस शुक्रवार को बहाल किया गया। ’’

उन्होंने कहा कि 30 स्थानीय बच्चे भी आते हैं जो पहले कभी विद्यालय नहीं गये।

उन्होंने कहा, ‘‘ चूंकि विद्यालय खुल गये हैं और यहां इंटरनेट निलंबित हो गया है, ऐसे में ज्यादातर विद्यार्थी, जो पंजाब एवं अन्य राज्यों से आये थे, अपनी कक्षाएं करने और आगामी परीक्षाओं की तैयारी के लिए लौट गये। अब यहां करीब 60 बच्चे आते हैं । वे पहली से सातवीं तक की कक्षाओं के हैं।’’



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