दिल्ली के उप-राज्यपाल की शक्तियों को परिभाषित करने वाले विधेयक पर राजधानी की सियासत गर्म


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा मे पेश विधेयक का विरोध करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि नगर निगम उप चुनाव में करारी हार के बाद अब भाजपा यह विधेयक लेकर आयी है।



नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने लोकसभा में सोमवार को पेश किए गए दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2021 पर राष्ट्रीय राजधानी की सियासत गरम हो गयी है।

राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस विधेयक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राजनीतिक हार के बाद भाजपा पर्दे के पीछे  केजरीवाल सरकार को अस्थिर करने का षडयंत्र रच रही है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधेयक की आलोचना करते हुए कहा कि उपराज्यपाल की कुछ भूमिका और शक्तियों को परिभाषित करने वाला केंद्र सरकार का विधेयक संवैधानिक रूप से ‘खतरनाक’ है।

मनीष  सिसोदिया ने भाजपा पर ‘पिछले दरवाजे’ से राष्ट्रीय राजधानी पर शासन करने की कोशिश का आरोप लगाया।

वहीं दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2021 का दिल्ली भाजपा ने  स्वागत किया है। जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल की कुछ भूमिका और अधिकारों को परिभाषित करने का प्रस्ताव किया गया है।

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि विधेयक के पारित होने के बाद भी चुनी गई सरकार के पास 75 फीसदी प्रशासनिक शक्तियां होंगी। यह विधेयक उच्चतम न्यायालय के फरवरी 2019 के आदेश के अनुरूप है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा मे पेश विधेयक का विरोध करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली विधानसभा फिर नगर निगम उप चुनाव में करारी हार के बाद अब भाजपा यह विधेयक लेकर आयी है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस विधेयक को संविधान पीठ के निर्णय के विरूद्ध बताया है।



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