नई दिल्ली। हमारे यहां ज्ञान की बहुत पुरानी और मजबूत परंपरा रही है। यह याद रखना चाहिए कि ज्ञान के विभिन्न धाराएं रही हैं। इन सभी धाराओं का ध्येय सत्य की खोज और इसके जरिये मानवता को मजबूती प्रदान करना रहा है। भारत का अतीत इस मामले में दुनिया में श्रेष्ठ रहा है। हमें अपनी विरासत की यह बात याद रखनी चाहिए। आज गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म दिन है, वे कहते थे कि अतीत विहीन वर्तमान का कोई भविष्य नहीं होता। उक्त बातें प्रो. प्रकाश नारायण ने दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध राजधानी महाविद्यालय के नॉन कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड केंद्र के वार्षिकोत्सव के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कही।
उन्होंने नॉन कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड के स्थापना और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समय के साथ छात्राओं की सहभागिता में बढ़ोत्तरी हुई है। प्रोफेसर प्रकाश नारायण ने इस बात पर ज़ोर दिया कि आज का दौर टेक्नोलॉजी का है और इसका उत्तम प्रयोग होना चाहिए। ताकि इससे हानि न हो। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर राजेश गिरि और नॉन कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड के इंचार्ज डॉ अनिल कुमार जी उपस्थिति में यह कार्यक्रम सुचारू रूप से सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत करते हुए नॉन कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड राजधानी कॉलेज के इंचार्ज डॉ अनिल कुमार ने साल भर का लेखा-जोखा और सफलता का विवरण प्रस्तुत किया।
अपने संबोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर राजेश गिरि ने छात्राओं के उत्साह और लगन की तारीफ़ की। उन्होंने बताया कि राजधानी कॉलेज में हमारा प्रयास है कि इन छात्राओं को भी अध्ययन – मनन की समुचित सुविधा और माहौल मिले। प्रोफेसर गिरि ने छात्राओं की सहभागिता को उपयोगी बताते हुए कहा कि लकड़ियों का बेहतरी और बढ़ोतरी समाज और राष्ट्र के मजबूत होने का सूचक है। कार्यक्रम के अंत मे धन्यवाद ज्ञापन डॉ शफ़ीक़ आलम ने किया ।