मेहनत और समर्पण का कोई विकल्प नहीं है: प्रो राजेश गिरि


प्रो. सुमन कुमार ने अर्पित का परिचय दिया। उन्होंने अर्पित को उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा, “आप सभी के बीच से कोई अन्य आईएएस उभर सकता है।”


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दिल्ली Updated On :

नई दिल्ली। राजधानी कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग ने दधीचि- द कॉम्पिटिटिव सोसाइटी, गांधी स्वाध्याय मंडल और लाइब्रेरी क्लब के सहयोग से 6 मई को अर्पित कुमार की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा- 2023 (एआईआर 136) में उल्लेखनीय उपलब्धि का सम्मान करने के लिए ‘उत्कृष्टता पुरस्कार और सम्मान कार्यक्रम’ का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत सभी का गर्मजोशी से स्वागत करके की गई।

कॉलेज के प्राचार्य प्रो. राजेश गिरि ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा, “संस्था का नाम जब छात्र से हो तो ये गर्व की बात ही है।” उन्होंने कहा कि युवाओं की ऊर्जा को दिशा देकर, हम उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों से लक्ष्यों को प्राथमिकता देने के लिए भी कहा। दधीचि की प्रशंसा में महोदय ने कहा कि महामारी के दौरान दधीचि बहुत सक्रिय थे और इसका श्रेय सोसाइटी के पूर्व संयोजक डॉ. राजीव रंजन गिरि को देते हैं।

प्रो. सुमन कुमार ने अर्पित का परिचय दिया। उन्होंने अर्पित को उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा, “आप सभी के बीच से कोई अन्य आईएएस उभर सकता है।”

आयोजन के प्रवाह को जारी रखते हुए, राजधानी कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के शिक्षक-प्रभारी , प्रो. जी.पी बैरवा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “हर कोई आईएएस बनने का सपना देखता है लेकिन यह एक कठिन काम है।”

राजनीति विज्ञान विभाग सोसाइटी के संयोजक प्रो. सुशील दत्त ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि, यदि आप ऊंचाइयों को छू रहे हैं, तो कोई कार्य का कोई भी क्षेत्र हो सकता है आवश्यक यह है कि व्यक्ति एकाग्रता से मेहनत से और ईमानदारी से आगे बढ़े।

राजधानी कॉलेज के दधीचि- द कॉम्पिटिटिव सोसाइटी की संयोजिका डॉ. श्रमिला यादव ने कहा, हर बच्चे के लिए उसके माता-पिता के सपने महत्वपूर्ण हैं। सफलता में कड़ी मेहनत, लगनबहुत मायने रखता है। कुछ भी करो, बसविनम्रबनो।उन्होंने कहा कि फलों से भरा पेड़ ही झुका होता है उन्होंने यह भी कहा कि ‘हमेशा अपनी जड़ों को याद रखो।’

राजधानी कॉलेज के गांधी स्वाध्याय मंडल की संयोजिका प्रो वर्षा गुप्ता ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, आईएएस बनना एक मजाक नहीं है। उन्होंने अर्पित को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आईएएस बनने की प्रक्रिया में अत्यधिक मेहनत, त्याग तथा स्वयं पर विश्वास और अपने लक्ष्य परबने रहने की आवश्यकता होती है

लाइब्रेरियन डॉ. संजीव कुमार ने ज्ञान के अपने शब्द देते हुए पुस्तकों के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए और कहा, “भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए पृष्ठों को पलटना छात्रों की उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है”। पुस्तक हमेशा हमारे साथ रहेगी।

अर्पित ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे पास अलग-अलग सपने हैं, चाहे आप किसी भी क्षेत्र में हों। वह यह भी कहते हैं, “यदि आप किसी भी संस्थान में सर्वश्रेष्ठ हैं, तो आप हर जगह सर्वश्रेष्ठ हैं।” उन्होंने यूपीएससी सीएसई के लिए कुछ अध्ययन युक्तियां भी साझा कीं। उन्होंने छात्रों को पढ़ाई कोविभाजित करने और अध्ययन करने और खुद के प्रति ईमानदार होने के लिए कहा। साथ ही, वह कहते हैं, “अपने लक्ष्यों को प्राथमिकता दें।”

कार्यक्रम का समापन दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक एवं बर्सर प्रोफेसर सुमन कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।



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